प्राकृतिक इलाज के बाद दिल्ली लौटे केजरीवाल, कहा-तरोताजा महसूस कर रहा हूं
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प्राकृतिक इलाज के बाद दिल्ली लौटे केजरीवाल, कहा-तरोताजा महसूस कर रहा हूं

बेंगलुरु में 12 दिन तक पुरानी खांसी और मधुमेह का इलाज कराने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार रात दिल्ली लौट आए और सरकार तथा आम आदमी पार्टी का कामकाज फिर संभालने के लिए उत्साहित हैं। हालांकि उनकी गैर मौजूदगी में अंतर्कलह से जूझ रही आप की सेहत भी कुछ अच्छी नहीं थी।

प्राकृतिक इलाज के बाद दिल्ली लौटे केजरीवाल, कहा-तरोताजा महसूस कर रहा हूं

नई दिल्ली/बेंगलुरु : बेंगलुरु में 12 दिन तक पुरानी खांसी और मधुमेह का इलाज कराने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार रात दिल्ली लौट आए और सरकार तथा आम आदमी पार्टी का कामकाज फिर संभालने के लिए उत्साहित हैं। हालांकि उनकी गैर मौजूदगी में अंतर्कलह से जूझ रही आप की सेहत भी कुछ अच्छी नहीं थी।

छियालीस वर्षीय आम आदमी पार्टी (आप) नेता को बेंगलुरु के बाहरी इलाके में स्थित जिंदल नेचर केयर से आज छुट्टी मिली जहां वह पांच मार्च को अपने माता-पिता के साथ इलाज कराने पहुंचे थे।

दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने ट्वीट किया, ‘खांसी खत्म, शर्करा स्तर नियंत्रण में। तरोताजा और चंगा महसूस कर रहा हूं। मैं काम पर लौटने को लेकर उत्साहित हूं।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री यहां प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र में इलाज करा रहे थे। इसी दौरान उनकी आम आदमी पार्टी दिल्ली में भारी अंतर्कलह से जूझ रही थी। पार्टी के संस्थापक सदस्यों- प्रशांतभूषण और योंगेद्र यादव को राजनीतिक मामलों की समिति से निकाले जाने के बाद पार्टी में मचा घमासान खुलकर सामने आ गया।

केजरीवाल और एक पूर्व आप विधायक के बीच बातचीत का एक कथित ऑडियो टेप पिछले सप्ताह सामने आया, जिसमें आप संयोजक को पिछले साल दिल्ली में सरकार गठन के लिए कांग्रेसी विधायकों को तोड़ने की बात कहते हुए सुना जा सकता है। आप का एक वर्ग केजरीवाल से सरकार पर ध्यान देने के अलावा पार्टी के समक्ष मौजूद समस्याओं का हल करने की उम्मीद बांधे हुए है।

बेंगलुरु में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दौरान वह नियमित रूप से उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के संपर्क में रहे और उनके जहन में लागू करने के लिए कुछ योजनाएं भी हैं। केजरीवाल ने कहा, ‘पिछले 12 दिनों में मुझे इस बात पर विचार करने का समय मिला कि दिल्ली में खासकर शिक्षा एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) में क्या-क्या बदलाव किए जा सकते हैं। मैं इस बारे में मनीष (सिसोदिया) से बात करता रहा।’ जब उनसे आप की कलह के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब नहीं दिया।

जिंदल नेचर केयर के अध्यक्ष के आर रघुनाथ ने बेंगलुरू में बताया कि आप नेता की खांसी और शर्करा स्तर बिल्कुल नियंत्रण में है लेकिन साथ ही चेताया कि इलाज के दौरान वह एकदम संयमित जीवन शैली जी रहे थे लेकिन पुरानी जीवन शैली में लौटने पर वही स्वास्थ्य समस्याएं उन्हें फिर घेर सकती हैं। रघुनाथ ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की यहां की यात्रा को लेकर बढ़ा चढ़ाकर बताया जा रहा है। कुछ लोग कहते हैं कि उनकी खांसी का इलाज हो गया, कुछ कहते हैं-अभूतपूर्व सुधार लेकिन कृपया यह बात ध्यान में रखिए कि प्राकृतिक चिकित्सा कोई जादू नहीं है और न ही हम अपने संस्थान में कोई चमत्कार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘सभी चिकित्सा पद्धतियों की भांति प्राकृतिक चिकित्सा की भी अपनी सीमाएं हैं। हां, हम शरीर से जहरीले पदाथरें को पूरी तरह निकालते हैं और उसका नतीजा यह होता है कि बीमारियों का इलाज हो जाता है।’ केजरीवाल को बहुत ही समर्पित मरीज करार देते हुए रघुनाथ ने कहा, ‘बिना किसी संकोच के और कोई वीआईपी सुविधा लिए बगैर वह लोगों से घुल मिल गए। हमने पाया कि बिल्कुल सामान्य भोजन उन्हें भा रहा था।’ उन्होंने कहा, ‘उपचार के दौरान हमने यह सुनिश्चित किया कि उनके शरीर से विषले तत्वों का पूरी तरह से खात्मा हो और उन्हें भी मालूम था कि उनका इलाज करने वाले उनसे क्या उम्मीद करते हैं।’

केजरीवाल ने जिंदल इंस्टीट्यूट के डाक्टरों और उसके संस्थापक डॉ. सीताराम जिंदल को बधाई भी दी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ‘जिंदल संस्थान, उसके डाक्टरों, कर्मियों के प्रति आभारी हूं। ऐसे अनोखे संस्थान की स्थापना करने और उसे इतनी अच्छी तरह चलाने के लिए सीतारामजी को बधाई।’ छुट्टी मिलने से पहले केजरीवाल ने कहा कि जिंदल संस्थान में ठहरने के दौरान उन्हें कुछ चीजों जैसे शिक्षा एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली में परिवर्तन लाने के बारे में विचार करने का पर्याप्त समय मिला।

केजरीवाल ने कहा कि इंटरनेशनल सोसायटी फॉर कृष्णा कंसेसनेस :इस्कॉन: के अक्षयपात्र की तर्ज पर मध्याह्न भोजन योजना शुरू करने की भी उनकी योजना है।

उन्होंने कहा, ‘मैं इस्कॉन गया था। मैंने उनका रसोईघर देखा। रसोईघर बहुत ही साफ सुथरा है। हम देखेंगे कि दिल्ली में इसे कैसे सुधारा जा सकता है।’ केजरीवाल के पिता को कब्ज और माता को मधुमेह एवं अर्थराइटिस की समस्या थी और दोनों ने अपने पुत्र के साथ प्राकृतिक चिकित्सा करायी। पार्टी सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल ने पांच मार्च को यहां पहुंचने पर वीवीआईपी को टोलटैक्स से मिलने वाली छूट का इस्तेमाल किया था, जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया था। इसे ध्यान में रखते हुए पार्टी नेताओं ने आज सुनिश्चित किया कि उनके नेता नियमों का पालन करें और इसके लिए पहले से ही व्यवस्था की गई।

 

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