केरल में एक दर्जन से अधिक हेलीकॉप्टर, सैकड़ों रक्षा कर्मियों, एनडीआरएफ की टीमों और मछुआरों ने शुक्रवार को बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया.
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नई दिल्ली/तिरुवनंतपुरम : केरल इस समय इस सदी की सबसे भयानक बाढ़ में डूबा हुआ है. बीते 10 दिनों में इस भीषण आपदा से 154 लोगों की मौत हो गई है. केरल में एक दर्जन से अधिक हेलीकॉप्टर, सैकड़ों रक्षा कर्मियों, एनडीआरएफ की टीमों और मछुआरों ने शुक्रवार को बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया. हालांकि, शुक्रवार सुबह से कई जिलों में बारिश की रफ्तार कम हुई है. पेरियार और इसकी सहायक नदियों में उफान से एनार्कुलम और त्रिशूर के कई कस्बे जलमग्न हो गए हैं. परावुर, कलाडी, चालाकुडी, पेरुं बवूर, मुवातुपुझा शामिल हैं.
ऐसे में हर कोई केरल की मदद के लिए हाथ बढ़ा रहा है. हर व्यक्ति हर संभव मदद कर रहा है. क्या आम और क्या खास. ऐसे में केरल के कुछ आईएएस अफसरों की ऐसी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिसमें वह बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए कंधों पर चावल की बोरियां ढोते दिख रहे हैं. स्पेशल ऑफिसर जी. राजामनीकियम आपदा प्रबंधन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और सब कलेक्टर एनएसके उमेश को कंधों पर चावल की बोरी रखे हैं. इन लोगों को सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ मिल रही है.
Setting an example! G Rajamanikyam IAS & NSK Umesh IAS Sub-Collector, Wayanad unloading rice bags at Collectorate, Wayanad for distribution to Relief Camps. Joined hands with other employees, at around 9.30 pm unload a vehicle full of rice bags. pic.twitter.com/xaBqTSMrH4
— IAS Association (@IASassociation) August 14, 2018
इतना ही नहीं पद्मनाभपुरम के आईएएस अफसर राजागोपाल सुनकारा कंधे तक बाढ़ के पानी में लोगों की मदद करते दिखाई दिए. वह अपने कंधे पर बच्चे को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाते दिखाई दिए.
Amidst the damage & havoc caused by unprecedented floods in Kerala- what stands out is the grit and commitment of young IAS officers leading teams for relief and restoration operations. Here Raja Gopal Sunkara IAS Subcollector Padmamabapuram on the job, in the field. Truly Proud! pic.twitter.com/PR1xjba8Ux
— IAS Association (@IASassociation) August 16, 2018
हजारों लोग अब भी ऊंची इमारतों पर सहारा लिए हैं...
हजारों लोग अभी भी ऊंची इमारतों पर बैठे हैं और बचाए जाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. अकेले एनार्कुलम और त्रिशूर शिविरों में 50,000 से अधिक लोग फंसे हैं. विजयन ने शुक्रवार को कहा कि राज्य भर में 1,568 राहत शिविरों में 2.25 लाख लोग रह रहे हैं. मध्य केरल का पत्तनमतिट्टा जिला सर्वाधिक प्रभावित रहा। यहां पंबा नदी के उफान के कारण रानी और कोझेनचेरी जैसे कस्बे पूरी तरह से जलमग्न हैं.