केरल नन दुष्कर्म मामले में बिशप मुलक्कल को राहत, हाईकोर्ट ने पुलिस जांच पर जताया संतोष
Advertisement

केरल नन दुष्कर्म मामले में बिशप मुलक्कल को राहत, हाईकोर्ट ने पुलिस जांच पर जताया संतोष

केरल पुलिस जांच दल के हलफनामे को देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय की अध्यक्षता में एक डिवीजन बेंच ने कहा कि पुलिस पर दबाव डालना उचित नहीं है क्योंकि यह एक स्वतंत्र जांच में बाधा उत्पन्न कर सकता है.

केरल की नन ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच बार-बार यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है.

कोच्चि : केरल में नन के साथ दुष्कर्म के आरोपों का सामना कर रहे बिशप फ्रैंको मुलक्कल को केरल हाईकोर्ट से राहत मिली है. कोर्ट ने कहा कि फिलहाल फ्रैंको की गिरफ्तारी मुद्दा नहीं है. इस मामले में हो रही जांच पर संतुष्टि जताते हुए अदालत ने कहा कि चूंकि यह एक पुराना मामला है, इसलिए जांच में समय लगेगा और आरोपी को जेल में डालने से बड़ा मुद्दा उसे दी जाने वाली अंतिम सजा है.

इस मामले में दो याचिकाओं पर सुनवाई के अलावा अदालत ने इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने संबंधी याचिका पर भी सुनवाई की और कहा कि वर्तमान में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती और अब अगली सुनवाई 24 सितम्बर को होगी. केरल पुलिस जांच दल के हलफनामे को देखने के बाद मुख्य न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय की अध्यक्षता में एक डिवीजन बेंच ने कहा कि पुलिस पर दबाव डालना उचित नहीं है क्योंकि यह एक स्वतंत्र जांच में बाधा उत्पन्न कर सकता है. पीठ ने कहा कि अगर जांच जल्दबाजी में की जाएगी तो आरोपी को इस मामले में बच निकलने का मौका मिल जाएगा. कोर्ट ने कहा कि राज्य पुलिस की जांच में कुछ भी चिंताजनक नहीं है. कथित घटना कुछ साल पहले हुई थी इसलिए यह स्वाभाविक है कि जांच में समय लग रहा है.

पंजाब के जालंधर के रोमन कैथलिक डाइअसिस के बिशप फ्रैंको मुलक्कल को 19 सितम्बर को जांच टीम के समक्ष पेश होने का नोटिस दिया गया है. पीड़ित के समर्थन में उतरी ननों ने अदालत की टिप्पणी पर निराशा जताई है. 

गुरुवार को अदालत की टिप्पणियां सुनने के बाद एक नन ने कहा, "हमें अब लग रहा है कि जांच को दबाने की कोशिश हो सकती है. अब तो अदालत भी हमें न्याय दिलाने से इनकार कर रही है."

केरल की नन ने बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर 2014 से 2016 के बीच बार-बार यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है. इसी समूह की पांच और नन ने पीड़िता का समर्थन किया है. जांच का नेतृत्व कर रहे कोट्टायम पुलिस अधीक्षक हरिशंकर ने मीडिया को बताया कि इस मामले से जुड़े कई लोगों के बयान में बदलाव और विरोधाभास पाए गए हैं. उन्होंने कहा वे नहीं जानते कि यह किसी उद्देश्य के साथ किया गया है. लेकिन यह ध्यान में रखते हुए कि मामला चार साल पुराना है, चीजों को सही ढंग से याद करना मुश्किल हो सकता है. दस्तावेजों और तथ्यों में विसंगतियां सामने आ रही हैं और इसलिए जांच दल का विस्तार किया है.

(इनपुट एजेंसी से)

Trending news