पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाशिवरात्रि के पावन मौके पर ईशा योग केंद्र में भगवान शिव के 112 फुट ऊंचे चेहरे का अनावरण किया। ईशा फाउंडेशन की विज्ञप्ति के मुताबिक धरती के इस सबसे विशाल चेहरे की प्रतिष्ठा मानवता को आदियोगी शिव के अनुपम योगदान के सम्मान में की गई है। भगवान शिव के इस विशाल चेहरे को सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने डिजाइन किया है। आईए इस खास प्रतिमा के बारे में दस बातों को जानते हैं।
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कोयंबटूर: पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को महाशिवरात्रि के पावन मौके पर ईशा योग केंद्र में भगवान शिव के 112 फुट ऊंचे चेहरे का अनावरण किया। ईशा फाउंडेशन की विज्ञप्ति के मुताबिक धरती के इस सबसे विशाल चेहरे की प्रतिष्ठा मानवता को आदियोगी शिव के अनुपम योगदान के सम्मान में की गई है। भगवान शिव के इस विशाल चेहरे को सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने डिजाइन किया है। आईए इस खास प्रतिमा के बारे में दस बातों को जानते हैं।
Join us this #Mahashivratri as a unique face of #AdiyogiSourceOfYoga is consecrated at #IshaYogaCenter
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First time in my life participating in Mahashivarathri @ishafoundation #AdiyogiSourceOfYoga the sadhana of 21days has been invigorating pic.twitter.com/48jJhA3Gj0
— Priya Vaidyanathan (@priya_cheers) February 18, 2017
Response to baseless allegations about the 112-ft Adiyogi statue. #AdiyogiSourceOfYoga #AdiYogi https://t.co/CfnJWiN6Fg
— Isha Foundation (@ishafoundation) February 18, 2017
-पहली बार दुनिया में भगवान शंकर की 112 फीट की प्रतिमा बनी है जिसमें सिर्फ उनका चेहरा है।
-ईशा फाउंडेशन के मुताबिक यह प्रतिष्ठित चेहरा मुक्ति का प्रतीक है और उन 112 मार्गों को दर्शाता है, जिनसे इंसान योग विज्ञान के जरिए अपनी परम प्रकृति को प्राप्त कर सकता है।
-चेहरे के डिजाइन को तैयार करने के लिए करीब ढाई साल लगे और ईशा फाउंडेशन की टीम ने इसे 8 महीने में पूरा किया।
-इस प्रतिमा को स्टील से बनाया गया है और धातु के टुकड़ों को जोड़कर इसे तैयार किया गया है।
-प्रतिमा का वजन 500 टन है।
-आज से पहले इस तकनीक का कही प्रयोग नहीं किया गया है। नंदी को भी बड़े खास तरीके से तैयार किया गया है।
-धातु के 6 से 9 इंच बड़े टुकड़ों को जोड़कर नंदी का ऊपरी हिस्सा तैयार किया गया है।
-इसके अंदर तिल के बीज, हल्दी, पवित्र भस्म, विभूति, कुछ खास तरह के तेल, थोड़ी रेत, कुछ अलग तरह की मिट्टी भरी गई है।
-प्रतिमा के अंदर 20 टन सामग्री भरी गई है और फिर उसे सील कर दिया गया।
-यह पूरा मिश्रण एक खास तरह से तैयार किया गया है।