त्रिपुरा के मुख्य सचिव ने इस बाबत पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है.
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कोलकाता: त्रिपुरा के मुख्य सचिव ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को चिट्ठी लिखकर शिकायत की है. उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब 7 दिसंबर को कूच बिहार जाने वाले थे. उनकी यात्रा से पहले त्रिपुरा के अधिकारी सुरक्षा की जांच (ASL) के लिए वहां पहुंचे थे. लेकिन, कोलकाता पुलिस की तरफ से उन्हें उचित सहयोग नहीं दिया गया. उनका आरोप है कि कोलकाता पुलिस ने सुरक्षा संबंधी कोई जानकारी साझा नहीं की.
त्रिपुरा के मुख्य सचिव ने इस संबंध में जांच की मांग करते हुए दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है. बता दें, 7 दिसंबर को कूच बिहार से बीजेपी की पहली रथयात्रा निकलने वाली थी. लेकिन, हाईकोर्ट ने इस यात्रा की अनुमति नहीं दी जिसकी वजह से फिलहाल इसे टाल दिया गया है. मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देव इसी कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे. उन्हें Z+ सुरक्षा मिली हुई है.
Tripura Chief Secy in a letter to West Bengal CS: Tripura CM Biplab Kumar Deb was scheduled to visit Cooch Behar on Dec 7&our officer had gone there for ASL in connection with this visit.However, as reported, the Police neither made arrangements for accommodation&transport, 1/2
— ANI (@ANI) 9 December 2018
बंगाल में बीजेपी की प्रस्तावित रथयात्रा का मामला फिलहाल हाईकोर्ट में अटका हुआ है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि रथयात्रा जहां-जहां से गुजरेगी उन जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों से अनुमति के बगैर इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती. क्योंकि, अगर कोई अनहोनी होती है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा. कोर्ट ने यह भी कहा था कि सभी जिले के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक बीजेपी प्रतिनिधिमंडल से मिलकर इस विषय पर चर्चा करें और अपना जवाब कोर्ट को बताएं.
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कोलकाता हाईकोर्ट ने शीर्ष अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे रथयात्राओं पर 14 दिसम्बर तक कोई फैसला करें. जस्टिस विश्वनाथ सोमादर और जस्टिस ए मुखर्जी की खंडपीठ ने कहा कि अनुमति को लेकर सरकार की चुप्पी ‘आश्चर्यजनक और चौंकाने वाली है.’ कोर्ट ने साफ-साफ कहा कि मुख्य सचिव, गृह सचिव और पुलिस महानिदेशक 12 दिसम्बर तक बीजेपी के तीन प्रतिनिधियों के साथ बैठक करें और 14 दिसम्बर तक मामले में कोई निर्णय करें.