भारत में हमलों के लिए लश्कर से हाथ मिला सकता है आईएस: सेना
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भारत में हमलों के लिए लश्कर से हाथ मिला सकता है आईएस: सेना

सेना के एक शीर्ष कमांडर ने गुरुवार को आशंका जताई कि भारत में हमलों को अंजाम देने के लिए अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के साथ हाथ मिला सकता है।

भारत में हमलों के लिए लश्कर से हाथ मिला सकता है आईएस: सेना

जम्मू : सेना के एक शीर्ष कमांडर ने गुरुवार को आशंका जताई कि भारत में हमलों को अंजाम देने के लिए अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के साथ हाथ मिला सकता है।

सेना की 16 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल आर आर निंभोरकर ने आज यहां संवाददाताओं से कहा कि आतंकवादियों का मकसद अपने दुष्प्रचार को बढ़ाना है और भारत में हमलों के लिए आईएस द्वारा लश्कर के साथ हाथ मिलाने की आशंका है। उन्होंने कहा कि वे अपना नाम चाहते हैं और इसके लिए वे कुछ भी कर सकते हैं। अगर वे सफल हो जाते हैं तो वे किसी भी नाम का इस्तेमाल करके इसका फायदा उठा सकते हैं। हां इस तरह की आशंका है। वह इस संबंध में पूछे गये सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या आईएस भारत में पेरिस जैसे हमलों को अंजाम देने के इरादे से लश्कर-ए-तैयबा जैसे अन्य आतंकवादी संगठनों के साथ हाथ मिला सकता है।

लेफ्टिनेंट जनरल आर आर निंभोरकर ने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में करीब 700 सक्रिय आतंकवादी हैं। पीओके में नियंत्रण रेखा के पास सक्रिय आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविरों की संख्या के बारे में एक प्रश्न पर उन्होंने कहा कि गिरफ्तार आतंकवादी नाविद ने जो जानकारी दी है उनके मुताबिक इस क्षेत्र में करीब 37 सक्रिय शिविर हैं। उन्होंने कहा कि पीओके में मौजूद 700 आतंकवादियों में से आधे तैयार हैं और भारत की तरफ घुसपैठ के मौके का इंतजार कर रहे हैं। अधिकारी ने कहा कि नाविद ने खुलासा किया है कि पीओके क्षेत्र में 35-37 आतंकवादी शिविर सक्रिय हैं। लेफ्टिनेंट जनरल निंभोरकर ने कहा कि आतंकवादी घुसपैठ के तरीके और रास्ते देख रहे हैं। कश्मीरी युवकों के आईएस की विचारधारा की ओर आकषिर्त होने के बारे में पूछे गये सवाल पर सैन्य कमांडर ने कहा कि अगर कोई संगठन प्रसार चाहता है तो वह लोगों की भर्ती करना चाहेगा।

उन्होंने कहा कि इस समय, ये अटकलें हैं और हम इस बारे में कुछ नहीं कह सकते। अगर कोई संगठन प्रसार चाहता है तो वे निश्चित रूप से भर्ती करेंगे। यह उनका काम है और देखा जाना है कि उन्हें कितने क्षेत्र में सफलता मिलती है। यह उनके दुष्प्रचार पर निर्भर करता है। लेफ्टिनेंट जनरल आर आर निंभोरकर ने कहा कि मैं किसी निश्चितता के साथ यह नहीं कह सकता कि वे मौजूद हैं या नहीं। हमने आईएस के झंडे लहराते देखे हैं और श्रीनगर में इस तरह के छिटपुट मामले देखे गये हैं। हम उनका प्रभाव बढ़ने के बारे में निश्चित रूप से कुछ नहीं कह सकते। उन्होंने कहा कि समय की जरूरत सतर्क रहने की और किसी भी अप्रिय स्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहने की है।

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