गजेंद्र खुदकुशी मामले में सीएम केजरीवाल ने माफी मांगी, बोले- भाषण जारी रखना और रैली समाप्त नहीं करना एक ‘भूल’ थी
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गजेंद्र खुदकुशी मामले में सीएम केजरीवाल ने माफी मांगी, बोले- भाषण जारी रखना और रैली समाप्त नहीं करना एक ‘भूल’ थी

आम आदमी पार्टी (आप) की एक रैली के दौरान लोगों के हुजूम के बीच पेड़ से लटक कर दो दिन पहले राजस्थान के एक किसान गजेंद्र सिंह की खुदकुशी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समारोह स्थगित नहीं करने के लिए शुक्रवार को माफी मांगी और स्वीकार किया कि भाषण जारी रखना एक ‘भूल’ थी। केजरीवाल ने सफाई देते हुए कहा कि इस घटना के बाद वहां भाषण जारी रखना मेरी गलती थी। मुझे भाषण नहीं देना चाहिए था।

गजेंद्र खुदकुशी मामले में सीएम केजरीवाल ने माफी मांगी, बोले- भाषण जारी रखना और रैली समाप्त नहीं करना एक ‘भूल’ थी

नई दिल्‍ली : आम आदमी पार्टी (आप) की एक रैली के दौरान लोगों के हुजूम के बीच पेड़ से लटक कर दो दिन पहले राजस्थान के एक किसान गजेंद्र सिंह की खुदकुशी के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने समारोह स्थगित नहीं करने के लिए शुक्रवार को माफी मांगी और स्वीकार किया कि भाषण जारी रखना एक ‘भूल’ थी। केजरीवाल ने सफाई देते हुए कहा कि इस घटना के बाद वहां भाषण जारी रखना मेरी गलती थी। मुझे भाषण नहीं देना चाहिए था।

इस मुद्दे पर चौतरफा आलोचना का सामना कर रहे आप प्रमुख ने मीडिया और विपक्षी पार्टियों की भी निंदा की और कहा कि किसानों की दुर्दशा को लेकर बहस ‘वास्तविक मुद्दे’ से भटक गई है। केजरीवाल ने एक समाचार चैनल से कहा कि मैं एक घंटा लंबा भाषण देने वाला था लेकिन मैंने 10-15 मिनट में भाषण समाप्त किया। मुझे लगता है कि यह मेरी गलती थी। संभवत: मुझे नहीं बोलना चाहिए था। अगर किसी की संवेदनाओं को ठेस लगी है तो मैं माफी चाहता हूं।

उन्होंने कहा कि मैं दोषी हूं। मुझे दोष दो। मुझे लगता है कि रैली रोक देनी चाहिए थी। इस मसले पर पिछले एक दो दिन से नाटक चल रहा है। इस घटना को लेकर काफी आरोप प्रत्‍यारोप लगाए जा रहे हैं। मेरा यह कहना है कि इस मामले में जो भी दोषी है, उसे फांसी मिलनी चाहिए। यदि मेरी गलती है तो मुझे दोषी करार दे दीजिए। उन्‍होंने यह भी कहा कि इस घटना के बाद मुझे पूरी रात नींद नहीं आई। इस मसले के चीड़फाड़ से किसानों का भला नहीं होगा।

केजरीवाल ने कहा कि कृपया किसानों के वास्तविक मुद्दे पर ध्यान केन्द्रित करें और राजनीति नहीं करें। जो कोई भी दोषी हो उसे फांसी दे दो लेकिन बहस इस पर केन्द्रित होना चाहिए कि किसान खुदकुशी क्यों कर रहे हैं। घटना की जांच पर दिल्ली पुलिस के साथ उनकी सरकार के टकराव को ज्यादा अहमियत नहीं देते हुए केजरीवाल ने कहा कि अगर जरूरत हुई तो वह पुलिस के समक्ष अपना बयान देने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट का अधिकार क्षेत्र सीआरपीसी के तहत जांच करने का है और पुलिस एफआईआर के आधार पर आपराधिक जांच करती है। अगर पुलिस मुझे बुलाती है तो मैं अपना बयान दर्ज कराने के लिए जाऊंगा। केजरीवाल ने कहा कि देश में इस समय किसानों की खुदकुशी के मुद्दे पर ओछी राजनीति हो रही है। मेरी यह अपील है कि इस पर राजनीति न करें। सवाल यह उठता है कि देश में किसान आत्‍महत्‍या क्‍यों कर रहे हैं। हमें आरोप-प्रत्‍यारोप लगाने के बजाय इस समस्‍या का समाधान ढूंढना चाहिए। किसानों के असली मुद्दों पर बहस होनी चाहिए।

आप नेताओं द्वारा दिल्ली पुलिस पर तीखा हमला किये जाने के एक दिन बाद केजरीवाल ने अपने लहजे में नरमी लाते हुये कहा कि रैली में मंच से लगातार अनुरोध करने पर भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि हमें यह नहीं कहना चाहिए कि सभी पुलिसकर्मी बुरे हैं। आरोप-प्रत्यारोप में नहीं उलझना चाहिए। मैं मानता हू कि अगर पुलिस को थोड़ा सा भी आभास होता तो वह उसे बचाने का प्रयास करती। उन्होंने वाकई में ऐसा नहीं सोचा होगा कि वहां पर इस तरह की घटना होगी। आप नेता संजय सिंह ने कहा था कि दिल्ली पुलिस का इस्तेमाल कर आप को निशाना बनाने की केन्द्र सरकार की चाल है। जब यह हुआ तब मीडिया ने घटना को रिकार्ड किया और सचाई को दिखाने के लिए टेप को जनता में जारी किया जाना चाहिए।

सार्वजनिक रूप से भूमि विधेयक की निंदा करने वाले केजरीवाल ने ‘जबरन भूमि अधिग्रहण’ पर रोक, ‘अधिकार’ के तौर पर फसलों के नुकसान के लिए उचित मुआवजा और स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों को लागू किये जाने पर ध्यान केंद्रित किये जाने का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों से जो कुछ भी हो रहा है वह सही नहीं है। इस मुद्दे को टुकड़ो-टुकड़ों में ना बांटे। इससे आपको टीआरपी मिल जाएगी लेकिन किसानों को इससे कुछ नहीं मिलेगा। केजरीवाल ने कहा कि मैंने मुआवजे के रूप में जो राशि घोषित की है उससे दिल्ली के किसान खुश हैं। विवादास्पद विधेयक के खिलाफ आप की रैली में हुयी घटना के बाद का जिक्र करते हुये केजरीवाल ने कहा कि मैं कहता हूं कि यह घटना दिल्ली के मुख्यमंत्री के सामने हुयी। मैं पूरी रात सो नहीं पाया।

गुरुवार को विपक्षी सदस्यों ने लोकसभा में इस मुद्दे को लेकर हंगामा किया था और सदन की कार्यवाही रोकनी पड़ी थी। केंद्र ने कहा कि वह मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है। आप के बारे में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि रैली के लिए एकत्र भीड़ ‘ताली’ बजा रही थी और ‘नारा लगा’ रही थी जिसके कारण किसान गजेन्द्र सिंह पेड़ पर चढ़ गया और खुदकुशी कर ली। उन्होंने पार्टी पर सिंह को खुदकुशी करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया। इस मामले में जिम्मेदारी तय करने के लिए न्यायिक जांच की मांग करते हुये कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे सहित कई नेताओं ने कहा कि इस मसले को लेकर पुलिस खुद कठघरे में है और वह खुद की जांच नहीं कर सकती है। खड़गे ने कहा कि समारोह को लेकर केजरीवाल और दिल्ली पुलिस के गृह मंत्रालय को विरोधाभासी बयान देने को लेकर मामले की न्यायिक जांच करवाना आवश्यक है।

गौर हो कि राजस्थान के दौसा के रहने वाले किसान गजेंद्र सिंह ने आप की रैली के दौरान बुधवार को आत्महत्या कर ली थी। इस रैली को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य ने संबोधित किया था। दिल्ली पुलिस ने अपनी प्राथमिकी में आप के अनाम नेताओं और कार्यकर्ताओं पर सिंह को आत्महत्या के लिए उकसाने और उसे बचाने के उनके प्रयासों में सभी तरह की बाधाएं डालने का आरोप लगाया है। प्राथमिकी में कहा गया है कि यह पूरी तरह ऐसी घटना है जिसमें आप कार्यकर्ताओं और नेताओं ने उस व्यक्ति को आत्महत्या करने के लिए उकसाया और पुलिस द्वारा किए गए अनुरोधों पर भी उन्होंने ध्यान नहीं दिया।

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