सांसदों के निलंबन के विरोध में संसद भवन में कांग्रेस ने दूसरे दिन भी दिया धरना
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सांसदों के निलंबन के विरोध में संसद भवन में कांग्रेस ने दूसरे दिन भी दिया धरना

लोकसभा से कांग्रेस के 25 सदस्यों को निलंबित किये जाने के खिलाफ एकजुट विपक्ष ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह के साथ संसद भवन परिसर में बुधवार को लगातार दूसरे दिन धरना दिया। कई दलों ने स्पीकर से उनसे फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया जबकि कांग्रेस ने सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान को उनके पदों से हटाये जाने की अपनी मांग पर कायम रहते हुए कहा कि धरना कल भी जारी रहेगा।

सांसदों के निलंबन के विरोध में संसद भवन में कांग्रेस ने दूसरे दिन भी दिया धरना

नई दिल्‍ली : लोकसभा से कांग्रेस के 25 सदस्यों को निलंबित किये जाने के खिलाफ एकजुट विपक्ष ने सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह के साथ संसद भवन परिसर में बुधवार को लगातार दूसरे दिन धरना दिया। कई दलों ने स्पीकर से उनसे फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया जबकि कांग्रेस ने सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान को उनके पदों से हटाये जाने की अपनी मांग पर कायम रहते हुए कहा कि धरना कल भी जारी रहेगा।

लाइव अपडेट :-

-विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित।

-सोनिया ने कहा कि गतिरोध समाप्त करने के लिए सरकार के किसी प्रस्ताव की उन्हें जानकारी नहीं है, धरना कल भी जारी रहेगा।

-लोकसभा के कांग्रेस के 25 सदस्यों के निलंबन के विरोध में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने छह अन्य दलों के नेताओं के साथ संसद भवन परिसर में लगातार दूसरे दिन धरना दिया।

- कांग्रेसी सांसदों के निलंबन का लोकसभा अध्यक्ष का फैसला हमें पसंद नहीं आया लेकिन हम उनके पद का सम्मान करते हैं: राहुल गांधी।

- कांग्रेस सांसदों के निलंबन के फैसले पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए: मायावती। 

- राज्यसभा में आज कांग्रेस सदस्यों के आसन के समक्ष आकर सरकार की ‘तानाशाही’ के विरोध में नारेबाजी करने के कारण हुए हंगामे के चलते बैठक दोपहर बारह बजे तक स्थगित।

- विपक्षी सांसदों का भारी हंगामा, सभापति की कुर्सी के पास पहुंचे विपक्षी सांसद

- सरकार की सफलता से कांग्रेस बेचैन है, इसे अवरूद्ध करना चाहती है : नायडू।

- सुषमा स्वराज का महत्वपूर्ण स्थान है, शिवराज चौहान, वसुंधरा राजे भी बहुत कार्यकुशल हैं: नायडू।

- सरकार और आगे बढ़ने को तैयार है, लेकिन अतार्किक मांगों पर ध्यान नहीं दे सकते: केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू।

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संसद भवन परिसर में कांग्रेस पार्टी के साथ एकजुटता प्रदर्शित करते हुए धरना में सोनिया, राहुल के साथ छह अन्य दलों के नेता शामिल हुए जिसमें वामदल, सपा, जदयू सदस्य शामिल हैं। विपक्षी नेताओं में जदयू से शरद यादव, के सी त्यागी, सपा से धर्मेन्द्र यादव, राजद के जयप्रकाश नारायण यादव, माकपा के पी करूणाकरण, भाकपा के डी राजा और आईयूएमएल के ई अहमद शामिल हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने धरना दे रहे अन्य नेताओं के साथ नरेन्द्र मोदी सरकार के खिलाफ नारे लगाए। धरना दे रहे नेता ‘तानाशाही बंद करो’, प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ो, अच्छे दिन कहां गए’, सुषमा स्वराज इस्तीफा दो के नारे लगा रहे थे। यह पूछे जाने पर कि गतिरोध समाप्त करने के बारे में सरकार की ओर से कोई प्रस्ताव आया है, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि मुझे सरकार के किसी प्रस्ताव की जानकारी नहीं है, धरना कल भी जारी रहेगा। राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेसी सांसदों के निलंबन का स्पीकर का फैसला हमें पसंद नहीं आया लेकिन हम उनके पद का सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें बाहर रखने का निर्णय किया गया, हम बाहर बैठे हैं और हम धरना जारी रखेंगे। 

कांग्रेस के 25 सदस्यों को निलंबित किये जाने के विरोध में अधिकतर विपक्षी दलों ने आज लगातार दूसरे दिन लोकसभा की कार्यवाही का बहिष्कार जारी रखा जबकि राकांपा, सपा और राजद सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया। आज सुबह कार्यवाही शुरू होने पर सदन में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाममोर्चा और मुस्लिम लीग के सदस्य उपस्थित नहीं थे। सदन की कार्यवाही शुरू होने पर राकांपा, सपा और राजद के सदस्यों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। विपक्षी सदस्य प्रश्नकाल के दौरान अपनी बात रखना चाहते थे। पर स्पीकार सुमित्रा महाजन ने उनके आग्रह को अस्वीकार कर दिया। इस पर इन तीनों दलों के सदस्यों ने वाकआउट किया और राजद के जयप्रकाश नारायण ने ‘लोकतंत्र की हत्या बंद करो’ का नारा लगाया। इसके बाद प्रश्नकाल चला। इस दौरान टीआरएस सदस्यों ने तेलंगाना में उच्च न्यायालय गठित किये जाने का मुद्दा उठाया और पोस्टर लेकर सत्तापक्ष की सीट के बगल में खडे हो गए। स्पीकर ने उनसे इस विषय को बाद में उठाने को कहा। इस दौरान दो मनोनीत एंग्लो इंडियन समुदाय के सदस्यों रिचर्ड हे और जार्ज बेकर ने सदन की सदस्यता की शपथ ली।

पार्टी के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि सांसद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से माफी नहीं मांगेंगे, जिन पर उन्होंने कांग्रेस सदस्यों के साथ पक्षपात करने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि भाजपा के सदस्यों ने भी चालू सत्र में पोस्टर दिखाये लेकिन उनमें से किसी को निलंबित नहीं किया गया।

सिंधिया ने कहा कि माफी मांगने का सवाल कहां उठता है? क्या गलत हुआ है? पिछले 65 वषरे से पोस्टर दिखाए जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें बाहर बैठने पर मजबूर किया गया। हम इसका पालन कर रहे हैं। हम सदन के नियम का पालन कर रहे हैं। प्रजातंत्र के मंदिर से आदेश आया है, हम उसका पालन कर रहे हैं। पांच दिन बाहर रहने को कहा गया, हम बाहर हैं। जो विरोध अंदर नहीं दर्शा पा रहे थे, वह बाहर दर्शा रहे हैं। गतिरोध दूर करने के बारे में सरकार से प्रस्ताव आने के विषय में एक सवाल के जवाब में सिंधिया ने कहा कि प्रस्ताव सरकार की तरफ से आना है, उसका जवाब वह कैसे दे सकते हैं। अभी कोई प्रस्ताव नहीं आया। सपा के धर्मेन्द्र यादव ने कहा कि हम लोकसभा में अपनी बात रखना चाहते थे लेकिन हमें अनुमति नहीं दी गई। इसलिए हमने वाकआउट किया। उन्होंने कहा कि जब तक हमें सदन में बोलने नहीं दिया जाता है, हम बहिष्कार जारी रखेंगे।

राजद के जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों को निलंबित किया जाना लोकतंत्र के लिए काला दिन है। भाजपा पर तानाशाहीपूर्ण ढंग से शासन करने का आरोप लगाने और उसके खिलाफ संघर्ष तेज किये जाने की चेतावनी देते हुए राजद नेता ने कहा कि हम इसके (निलंबन के आदेश) खिलाफ संघर्ष जारी रखेंगे। हम यह संघर्ष सड़क तक ले जाएंगे।

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