लोकसभा में सांसदों ने कहा-असहिष्णुता की घटनाओं पर वोट बैंक की राजनीति नहीं हो
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लोकसभा में सांसदों ने कहा-असहिष्णुता की घटनाओं पर वोट बैंक की राजनीति नहीं हो

देश में असहिष्णुता की घटनाओं से उत्पन्न स्थिति पर लोकसभा में सदस्यों ने मंगलवार को कहा कि इस पर वोट बैंक की राजनीति करने का प्रयास करने की बजाय कोशिश यह होनी चाहिए कि सहिष्णुता और सौहार्द का माहौल बना रहे और आगे बढ़े। इस विषय पर सदन में कल शुरू हुई चर्चा को आज आगे बढ़ाते हुए अन्नाद्रमुक के पी. कुमार ने कहा कि असहिष्णुता की घटनाओं से देश की छवि खराब हो रही है और हमारी अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर रही है।

लोकसभा में सांसदों ने कहा-असहिष्णुता की घटनाओं पर वोट बैंक की राजनीति नहीं हो

नई दिल्ली : देश में असहिष्णुता की घटनाओं से उत्पन्न स्थिति पर लोकसभा में सदस्यों ने मंगलवार को कहा कि इस पर वोट बैंक की राजनीति करने का प्रयास करने की बजाय कोशिश यह होनी चाहिए कि सहिष्णुता और सौहार्द का माहौल बना रहे और आगे बढ़े। इस विषय पर सदन में कल शुरू हुई चर्चा को आज आगे बढ़ाते हुए अन्नाद्रमुक के पी. कुमार ने कहा कि असहिष्णुता की घटनाओं से देश की छवि खराब हो रही है और हमारी अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर रही है।

सदन में कल शुरू हुई चर्चा को आज आगे बढ़ाते हुए अन्नाद्रमुक के पी. कुमार ने कहा कि असहिष्णुता की घटनाओं से देश की छवि खराब हो रही है और हमारी अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर रही है।

उन्होंने अपने राज्य तमिलनाडु में साम्प्रदायिक सौहार्द बने रहने की बात करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने के समय देश भर में दंगे और तनाव की स्थिति बनी लेकिन तमिलनाडु में ऐसा नहीं हुआ। शिवसेना के गजानंद कीर्तिकर ने कहा कि फिल्मकारों, साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों को असहिष्णुता की किसी बात पर ऐसा व्यवहार नहीं करना चाहिए जिससे असहिष्णुता को और बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले फिल्मकारों और साहित्यकारों के विरूद्ध कार्वाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा जादू.टोटके का विरोध ठीक है लेकिन उसके नाम पर किसी धर्म की भावनाओं को आहत करना सरासर गलत है।

तेलगु देशम के जयदेव गल्ला ने कहा कि भारत ने सभी धर्मो को अपने में समाहित किया है और यहां तक कि जो धर्म अपने उदय के क्षेत्रों में प्रताड़ित हुए उन्हें भी अपने यहां पनाह दी। तेदेपा नेता ने कहा कि भारत सदियों से सहिष्णुता के लिए जाना जाता है। यह दुनिया का सबसे विविधता वाला देश है और जहां विश्व के सभी धर्मावलंबी सौहार्द से रहते हैं। उन्होंने कहा कि केवल राजनीतिक षडयंत्रों और वोट बैंक की राजनीति के कारण धर्मो, जातियों का दुरुपयोग शुरू हुआ। गल्ला ने कहा कि उनकी पार्टी दादरी जैसे घटनाओं की निंदा करती है लेकिन इन्हें प्रधानमंत्री या गृह मंत्री की असफलता बताना एकदम गलत है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं संबंधित राज्य सरकारों की असफलता है जिसके लिए उन्हें जवाबदेह बनाया जाना चाहिए, न कि केन्द्र को।

लाइव अपडेट:-

-भाजपा सांसदों से भड़काऊ बयान नहीं देने को कहा गया है क्योंकि ये बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास एजेंडे के अनुरुप नहीं हैं: केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी। 

- लालकृष्‍ण्‍ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी भी बैठक में शामिल हुए।

- बीजेपी संसदीय पार्टी की बैठक संसद में शुरू हुई।

- बीजेपी नेता मुख्‍तार अब्‍बास नकवी ने कहा कि राजनीतिक तौर पर प्रेरित असहिष्‍णुता के मामले को लेकर हमारा दृष्टिकोण सहिष्‍णु है, इसलिए हम खुले तौर पर चर्चा के लिए तैयार हैं।

- गृह मंत्री राजनाथ सिंह असहिष्‍णुता पर आज दे सकते हैं जवाब।

- माकपा सांसद मोहम्मद सलीम ने गृह मंत्री पर लगाए गए आरोप के मामले में माफी मांगने से इनकार किया।  

- कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी असहिष्‍णुता पर बहस में शामिल हो सकते हैं।

- लोकसभा में मंगलवार को भी असहनशीलता के मुद्दे पर बहस जारी रहेगी। जानकारी के अनुसार, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी इस चर्चा में आज भाग ले सकते हैं।

- लोकसभा में मंगलवार को भी असहिष्‍णुता पर बहस जारी रहेगी।

वहीं, सरकार ने चर्चा के दौरान अपने सांसदों से संयम बरतने के लिए कहा है। सांसदों से कहा गया है कि वो विपक्षी सांसदों के साथ बेवजह बहस से बचें। सरकार चाहती है कि संसद शांतिपूर्ण तरीके से चले और जीएसटी सहित कई महत्वपूर्ण बिल पास हों, इसलिए सरकार विपक्ष के सभी मुद्दों पर बहस के लिए भी तैयार हो गई है।

इससे पहले, देश में असहिष्णुता की घटनाओं से उत्पन्न स्थिति के बारे में लोकसभा में सोमवार को बेहद असहिष्णु माहौल में चर्चा शुरू हुई जिसके चलते सदन की कार्यवाही को चार बार स्थगित करना पड़ा। विपक्ष की ओर से गृह मंत्री पर एक पत्रिका के हवाले से हिन्दुत्व संबंधी कुछ आरोप लगाये गए जिसका राजनाथ सिंह ने खंडन किया। सत्तापक्ष के कई सदस्यों ने उस पत्रिका का हवाला देने वाले माकपा सदस्य और संबंधित पत्रकार के विरूद्ध विशेषाधिकार हनन की कार्रवाई करने की मांग की। नियम 193 के तहत दोपहर करीब 12 बजे यह विशेष चर्चा शुरू होते ही असहिष्णुता का माहौल बना जो शाम चार बजे तक चला और इस बीच सदन को चार बार स्थगित करना पड़ा।

चर्चा को शुरू करते हुए माकपा के मोहम्मद सलीम ने एक पत्रिका के हवाले से गृह मंत्री राजनाथ सिंह पर कुछ गंभीर आरोप लगाये जिससे सिंह काफी आहत हुए और उन्होंने कहा कि अगर ऐसे आरोपों में लेशमात्र भी सत्यता है तो उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शाम चार बजे व्यवस्था दी कि चूंकि सलीम ने यह आरोप लगाने से पूर्व नोटिस नहीं दिया है इसलिए वह पत्रिका के हवाले से लगाए गए सभी आरोपों को कार्यवाही से निकालती हैं। इसके बाद सदन में बना गतिरोध टूटा और कार्यवाही सुचारू रूप से चलने लगी। सलीम ने पत्रिका के हवाले से कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा नीत सरकार बनने के संबंध में आरएसएस से जुड़ी किसी बैठक में सिंह ने कुछ कहा था। गृह मंत्री ने इसका कड़ा प्रतिवाद करते हुए कहा कि मैंने ऐसा कभी नहीं कहा। और इस आरोप से जितना आहत मैं आज हुआ हूं, उतना पहले कभी नहीं हुआ। अगर इस आरोप में लेशमात्र भी सत्यता है तो मुझे अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। मैं नाप तौल कर बोलता हूं। सदस्य भी, यहां तक की अल्पसंख्यक समुदाय के लोग भी इस बात को जानते हैं।

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