पीएम मोदी ने सोनिया, मनमोहन को चाय पर चर्चा के लिए दिया न्‍यौता; जीएसटी बिल पर सहमति की कवायद
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पीएम मोदी ने सोनिया, मनमोहन को चाय पर चर्चा के लिए दिया न्‍यौता; जीएसटी बिल पर सहमति की कवायद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख विपक्ष तक पहुंच बनाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह को शुक्रवार शाम चाय पर आमंत्रित किया है। इस दौरान जीएसटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज कांग्रेस के नेताओं को अपने रेस कोर्स रोड स्थित आवास पर शाम 7 बजे आमंत्रित किया है।

पीएम मोदी ने सोनिया, मनमोहन को चाय पर चर्चा के लिए दिया न्‍यौता; जीएसटी बिल पर सहमति की कवायद

नई दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रमुख विपक्ष तक पहुंच बनाते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मनमोहन सिंह को शुक्रवार शाम चाय पर आमंत्रित किया है। इस दौरान जीएसटी जैसे मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आज कांग्रेस के नेताओं को अपने रेस कोर्स रोड स्थित आवास पर शाम 7 बजे आमंत्रित किया है। सरकार की कोशिश है कि बेहद अहम जीएसटी बिल को राज्‍यसभा में पारित कराने के साथ साथ संसद में जारी गतिरोध को टाल सके। उधर, इस न्‍यौते के बाद कांग्रेस में मंथन का दौर चला। कांग्रेस के पांच बड़े नेताओं ने आज सुबह इस न्‍यौते पर विचार के लिए बैठक की। बैठक में सोनिया, मनमोहन, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और गुलाम नबी आजाद शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, इसमें कोई निर्णय नहीं हो पाया है।

चाय के इस कार्यक्रम को इस लिहाज से अहम माना जा रहा है क्योंकि सरकार और कांग्रेस के बीच तनातनी होने के कारण वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विधेयक जैसे महत्वपूर्ण कानून पारित नहीं हो पा रहे। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा था कि प्रधानमंत्री महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर के कानून को पारित करवाने के लिए किसी से भी बात करने के लिए तैयार हैं।

योजना के मुताबिक आगामी एक अप्रैल से अप्रत्यक्ष कर की नई प्रणाली को लागू करने के लिए जरूरी होगा कि जीएसटी विधेयक शीतकालीन सत्र में पारित हो जाए। जेटली ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर ‘लगभग सभी कांग्रेसी नेताओं से’ बात की है।

उन्होंने कहा था कि हमें प्रधानमंत्री स्तर पर भी कोई हिचकिचाहट नहीं है। हमें पहले भी कभी हिचकिचाहट नहीं थी और अब भी नहीं है। वह हर किसी से बात करने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस ने संसद के पिछले सत्र में जीएसटी संविधान संशोधन विधेयक को पारित होने से रोक दिया था। उसकी यह मांग थी कि राजस्व-निरपेक्ष दर के 18 प्रतिशत से ज्यादा न होने की बात का जिक्र इसमें किया जाए। कांग्रेस वस्तुओं की आपूर्ति पर जीएसटी दर से उपर एक प्रतिशत तक का अतिरिक्त कर लगाने का अधिकार राज्यों को दिए जाने के भी खिलाफ है।

संसद के शीतकालीन सत्र के शुरूआत के साथ ही राजनीतिक रस्साकशी भी शुरू हो गई है। एक तरफ जहां विपक्ष तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहा है, वहीं सरकार किसी तरह जीएसटी समेत कई बिलों को पास कराना चाहती है। इसी क्रम में पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को चाय पर चर्चा के लिए बुलाया है। गौर हो कि संसद का पिछला सत्र विपक्ष ने चलने ही नहीं दिया था। ललित मोदी, वसुंधर राजे आदि के मुद्दे पर सरकार को घेर लिया गया था और कार्यवाही चल ही नहीं पाई थी। इस सत्र में भी कई मुद्दों पर गतिरोध के आसार हैं। सरकार की सबसे बड़ी चुनौती जीएसटी बिल को पास कराना है। ऐसे में सरकार की तरफ से अब पूरी कोशिश की जा रही है कि विपक्ष इस मुद्दे पर तैयार हो जाए।

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