देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर रामनाथ कोविंद ने संसद के सेंट्रल हॉल में 12.15 बजे शपथ ली. जस्टिस जेएस खेहर ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. इसके बाद महामहिम राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गई. राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद ने अपने पहले संबोधन में सभी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सेंट्रल हाल में पुरानी यादें ताजा हो गईं. सेंट्रल हॉल में मैंने विचार-विमर्श किया. कई बार विचारों से सहमत होते तो कभी असहमत. विचारों का सम्मान करना इसी सेंट्रल हॉल में सीखा है.
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देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर रामनाथ कोविंद ने संसद के सेंट्रल हॉल में 12.15 बजे शपथ ली. जस्टिस जेएस खेहर ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई. इसके बाद महामहिम राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी दी गई. राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद ने अपने पहले संबोधन में सभी का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि सेंट्रल हाल में पुरानी यादें ताजा हो गईं. सेंट्रल हॉल में मैंने विचार-विमर्श किया. कई बार विचारों से सहमत होते तो कभी असहमत. विचारों का सम्मान करना इसी सेंट्रल हॉल में सीखा है.
WATCH LIVE from Rashtrapati Bhavan: #RamNathKovind's swearing-in as President of India https://t.co/qDvOXixifd
— ANI (@ANI_news) July 25, 2017
विनम्रता के साथ पद ग्रहण कर रहा हूं
देश का प्रथम नागरिक बनने के बाद महामहिम ने कहा कि 21वीं सदी भारत की सदी होगी. मैं पूरी विनम्रता के साथ ये पद ग्रहण कर रहा हूं. मैं बहुत छोटे से गांव में मिट्टी के घर में पला बढ़ा हूं. काफी लंबी यात्रा रही. हमारा देश विविधताओं से भरा हुआ है. हम बहुत अलग है, फिर भी एक है और एकजुट हैं.
पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही
उन्होंने कहा कि देश के आम नागरिक ऊर्जा के मुख्य स्रोत हैं. देश का हर नागरिक राष्ट्र निर्माता है. राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की उपलब्धियां ही सदी की दिशा तय करेंगी. आज पूरी दुनिया भारत की तरफ देख रही है. किसान, महिलाएं और पर्यावरण रक्षक सभी राष्ट्र निर्माता हैं. हमारी हमेशा ही बेहतर करने की कोशिश होनी चाहिए.
विचारों का सम्मान करना ही लोकतंत्र की खूबी
हमें दीनदयाल उपाध्याय और महात्मा गांधी के सपनों को साकार करना होगा. एक-दूसरे के विचारों का सम्मान करना ही लोकतंत्र की खूबी है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने में भारत की अहम भूमिका है. अपने पुराने समय को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं मिटटी के घर में पला- बढ़ा हूं.
अकेले सरकार नहीं कर सकती राष्ट्र निर्माण
नए राष्ट्रपति ने कहा कि राष्ट्र निर्माण अकेले सरकार नहीं कर सकती. इसके लिए हम सभी को मिलकर काम करना होगा. इस दौरान पीएम मोदी, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार समेत राजनीति जगत के कई दिग्गज मौजूद रहे. बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी उपस्थित रहे. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने शपथ ग्रहण में नजर नहीं आईं.
UP: People celebrate at village of President #RamNathKovind in Kanpur Dehat district after being sworn-in as the 14th President of India pic.twitter.com/j7zL4q986U
— ANI UP (@ANINewsUP) July 25, 2017
गांव परौंख में जश्न का माहौल
दूसरी तरफ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कानपुर स्थित परौंख गांव में जश्न का माहौल बना हुआ है. शपथ ग्रहण से पहले रामनाथ कोविंद ने प्रेसिडेंट हाउस में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की. मंगलवार सुबह करीब 11 बजे सबसे पहले रामनाथ कोविंद महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने राजघाट पहुंचे थे. इसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर पहुंचे, जहां पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया.