'आडवाणी ने कार सेवकों से बाबरी विध्वंस रोकने की अपील की थी, बताया था जीवन का सबसे दुखद दिन'
Advertisement

'आडवाणी ने कार सेवकों से बाबरी विध्वंस रोकने की अपील की थी, बताया था जीवन का सबसे दुखद दिन'

भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी ने गुरुवार (20 अप्रैल) को कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में ‘25 साल’ बाद आपराधिक साजिश के तहत मामला चलाया जाना भारतीय न्यायपालिका के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

सुधींद्र कुलकर्णी ने आडवाणी के खिलाफ लगे आरोप को आधारहीन करार दिया. (पीटीआई फाइल फोटो)

मुंबई: भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के पूर्व सहयोगी सुधींद्र कुलकर्णी ने गुरुवार (20 अप्रैल) को कहा कि बाबरी विध्वंस मामले में ‘25 साल’ बाद आपराधिक साजिश के तहत मामला चलाया जाना भारतीय न्यायपालिका के कामकाज पर गंभीर सवाल खड़े करता है.

आडवाणी के खिलाफ लगे आरोप को आधारहीन करार देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के इस दिग्गज नेता ने बाबरी विध्वंस को लेकर अफसोस प्रकट किया था और इसे अपने जीवन का सबसे दुखद दिन करार दिया था.

मुंबई आधारित थिंकटैंक ‘ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन’ के प्रमुख कुलकर्णी ने कहा कि अगर सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में पहले ही प्रतिदिन सुनवाई का निर्देश दिया होता तो दोषी को सजा हो गई होती और निर्दोष लोग अब तक बरी हो गए होते.

उन्होंने कहा, ‘आडवाणी के खिलाफ आपराधिक साजिश का मामला निराधार है. इस साजिश का बिल्कुल भी हिस्सा नहीं थे. जो हुआ उसके लिए उन्होंने अफसोस जताया था और बाबरी विध्वंस के तत्काल बाद लिखा था कि यह उनके जीवन का सबसे दुखद दिन था.’

अयोध्या मामले में आडवाणी, भारती और जोशी पर समयबद्ध मुकदमा चलेगा : उच्चतम न्यायालय
भाजपा के शीर्ष नेताओं लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती को वर्ष 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में अदालती कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने इन नेताओं के खिलाफ रोजाना सुनवाई कर दो वर्षों के अंदर सुनवाई पूरी करने का बुधवार (19 अप्रैल) को आदेश दिया.

उच्चतम न्यायालय ने मध्यकालीन युग के ढांचे को गिराने को ‘अपराध’ करार दिया और कहा कि इसने ‘‘संविधान के धर्मनिरपेक्ष ढांचे’’ को हिला दिया. इसने वीवीआईपी आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र के आरोपों को बहाल करने की सीबीआई की याचिका को मंजूरी दे दी जिसके राजनीतिक प्रभाव हो सकते हैं खासकर आडवाणी के खिलाफ जो राष्ट्रपति पद की दौड़ में सबसे आगे हैं.

हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा कि राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पास संवैधानिक छूट है और उनके खिलाफ मामला पद छोड़ने पर ही चलाया जा सकता है. कल्याण सिंह वर्ष 1992 में उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री थे.

अयोध्या : वीवीआईपी आरोपियों पर लगे आरोपों में अधिकतम पांच साल की सजा का प्रावधान

राजनीतिक रूप से संवेदनशील बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भाजपा के दिग्गज नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती और अन्य वीवीआईपी पर जिन आरोपों में सुनवाई होनी है उनमें दो से पांच साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है.

उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) के अपराधों के तहत सुनवाई होगी जिनमें धर्म आदि के आधार पर अलग अलग समूहों के बीच कथित रूप से वैमनस्य बढ़ाना, राष्ट्रीय एकता के लिए नुकसानदेह बयान, टिप्पणियां करना और सार्वजनिक नुकसान वाले बयान देना शामिल है. इन अपराधों के लिए भादंसं में अधिकतम पांच साल के कारावास की सजा का प्रावधान है.

धर्म का अपमान करने की मंशा से किसी धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने के आरोप में अधिकतम दो साल की सजा जबकि धर्म या धार्मिक विश्वास का अपमान करके किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाने की मंशा से द्वेषपूर्ण कृत्य में अधिकतम तीन साल के कारावास की सजा का प्रावधान है.

सीबीआई ने भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए (वर्गों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना), 153 बी (राष्ट्रीय एकता के प्रति पूर्वाग्रह रखने वाले दावे, इल्जाम) और धारा 505 (जन शांति को बाधित करने या दंगा कराने के इरादे से झूठे बयान, अफवाहें आदि फैलाना) आदि के तहत आडवाणी और 20 अन्य के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके बाद उसने धारा 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत आरोप लगाए थे जिन्हें विशेष अदालत ने निरस्त कर दिया था और विशेष अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय ने बरकरार रखा था.

Trending news