नई दिल्लीः मध्य प्रदेश विधानसभा में राज्य के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया है. विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन बुधवार (28 फरवरी) को बजट पेश किया गया. वित्त मंत्री जयंत मलैया ने जैसे अपना बजट भाषण शुरू किया विपक्ष ने टोका-टोकी शुरू कर दी और हंगामा करने लगे.
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नई दिल्ली/भोपाल : मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया ने बुधवार को शिवराज सिंह चौहान सरकार का वर्ष 2018-19 का दो लाख करोड़ रुपये से अधिक का बजट पेश किया. राज्य के वर्ष 2018-19 के बजट में कृषि पर खास ध्यान दिया गया है. बजट में कृषि, खेती, कर्मचारियों, स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी पर खास जोर दिया गया है. राज्य की वर्तमान विधानसभा का यह अंतिम बजट है. यह बजट 2,04,642 करोड़ रुपये का है. भाजपा सरकार का यह 14वां और मलैया का पांचवां बजट है. इस बजट में 26,780 करोड़ रुपये का घाटा दर्शाया गया है.
मलैया ने बजट पेश किए जाने के दौरान वर्ष 2003 में कांग्रेस के कार्यकाल की स्थिति और 2018 की स्थिति की भी तुलना की. सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, अधोसंरचना सहित अन्य क्षेत्रों में कितना बदलाव आया है, मलैया ने इसका भी ब्यौरा दिया. बजट को सदन में पेश किए जाने से पहले कैबिनेट की बैठक में रखा गया, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी. मलैया ने कैबिनेट में बजट की खूबियों का भी जिक्र किया.
बजट भाषण में वित्त मंत्री मलैया ने कहा कि 2.25 लाख सालाना कमाने वालों को प्रोफेशनल टैक्स नहीं लगेगा. कर्मचारियों का ध्यान रखते हुए बजट में कहा गया कि अध्यापक संवर्ग को समाप्त कर शिक्षक बनाया जाएगा. इसके अलावा प्रदेश में विकास को तेजी देने के लिए मेट्रो का निर्माण और सड़क निर्माण की बात भी की गई है.
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