भोपाल गैस त्रासदी: HC ने दी तत्कालीन कलेक्टर और एसपी को बड़ी राहत, बंद होगा केस
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भोपाल गैस त्रासदी: HC ने दी तत्कालीन कलेक्टर और एसपी को बड़ी राहत, बंद होगा केस

भोपाल गैस त्रासदी पर चल केस में तत्कालीन एसपी स्वराज पुरी और तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. 

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली/भोपाल: भोपाल गैस त्रासदी पर चल केस में तत्कालीन एसपी स्वराज पुरी और तत्कालीन कलेक्टर मोती सिंह को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. दोनों के खिलाफ भोपाल जिला अदालत में विचाराधीन आपराधिक मुकदमें को बंद करने का आदेश दिया है. दोनों पर यूनियन कार्बाइड चीफ वॉरेन एंडरसन को भगाने का आरोप था. कंप्लेंट केस भोपाल जिला अदालत में दर्ज हुआ था. 

साल 1984 में 2-3 दिसंबर की रात भोपाल में भीषण गैस त्रासदी के दौरान मोती सिंह कलेक्टर और स्वराज पुरी एसपी थे. यूनियन कार्बाइड से रिसी 'मिक' गैस के कारण हज़ारों लोगों की मौत हो गयी थी. हादसे के बाद यूनियन कार्बाइड चीफ वॉरेन एंडरसन भारत आया और यहां के हालात देखकर वो आनन-फानन में भाग गया था. इन दोनों तत्कालीन अफसरों कलेक्टर मोती सिंह और एसपी स्वराज पुरी पर एंडरसन को भगाने में मदद करने का आरोप लगा था. इन दोनों अफसरों के ख़िलाफ आपराधिक केस दर्ज हुआ था.

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मोती सिंह और स्वराज पुरी के ख़िलाफ भोपाल ज़िला अदालत में कंप्लेंट केस दर्ज हुआ था. उनके ख़िलाफ धारा 212, 217 और 221 के तहत परिवाद दर्ज हुआ था. भोपाल ज़िला अदालत की कार्यवाही को जबलपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी. याचिका में दलील दी गयी थी कि इस मामले में 26 साल बाद संज्ञान लिया गया. जबकि कानून के मुताबिक घटना के तीन साल के भीतर कार्यवाही की जाना चाहिए थी. 

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बता दें कि भोपाल में घटी सदी की उस भीषण त्रासदी में सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक 3828 लोगों की मौत हुई थी. इसी के साथ 18,922 लोग जीवन भर के लिए बीमार हुए.

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