BSP से गठबंधन करने वाली अजीत जोगी की पार्टी को BJP की B-टीम क्‍यों कहा जा रहा है?
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BSP से गठबंधन करने वाली अजीत जोगी की पार्टी को BJP की B-टीम क्‍यों कहा जा रहा है?

कांग्रेस का मानना है कि अजीत जोगी के चुनाव न लड़ने का फैसले का सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा.

जनता कांग्रेस के मुखिया अजीत जोगी ने पहले डॉ रमन सिंह के खिलाफ राजनांदगांव से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था.(फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली: छत्‍तीसगढ़ जनता कांग्रेस के मुखिया और पूर्व मुख्‍यमंत्री अजीत जोगी ने छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 नहीं लड़ने का फैसला किया है. इससे पहले उन्‍होंने मुख्‍यमंत्री डॉ रमन सिंह के खिलाफ राजनांदगांव से चुनाव में उतरने का ऐलान किया था. इस कड़ी में एक तरफ बीजेपी नेता ने जहां अपनी परंपरागत सीट राजनांदगांव से चुनाव लड़ने का ऐलान किया, वहीं अजीत जोगी ने अचानक घोषणा करते हुए कहा कि इस बार वह कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ेंगे.

  1. अजीत जोगी की पार्टी ने बसपा से किया है गठबंधन
  2. इसके साथ ही इस बार सूबे में मुकाबला त्रिकोणीय हो गया
  3. अमित जोगी ने पिता के चुनाव में नहीं उतरने की बताई वजह

अजीत जोगी के इस फैसले से सबसे ज्‍यादा बेचैनी कांग्रेसी खेमे में है. कांग्रेस का मानना है कि अजीत जोगी के चुनाव न लड़ने का फैसले का सीधा फायदा बीजेपी को मिलेगा. कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेताओं का मानना है कि अजीत जोगी का फैसला यह चुनाव बीजेपी को गिफ्ट करने जैसा है. कांग्रेस दरअसल पहले से ही आरोप लगा रही है कि अजीत जोगी, बीजेपी की बी-टीम का हिस्‍सा हैं. यानी कि कांग्रेस के वोटबैंक में सेंधमारी के लिए बीजेपी की शह पर ही अजीत जोगी ने पार्टी बनाई है.

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दरअसल कांग्रेस और अजीत जोगी का वोटबैंक कमोबेश एक जैसा है. कांग्रेस को आशंका है कि अजीत जोगी इस वोटबैंक में ही सेंधमारी करेंगे और इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा. उसकी एक बड़ी वजह यह भी है कि अभी तक छत्‍तीसगढ़ में सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच में होता था. अजीत जोगी, बसपा और भाकपा के महागठबंधन के बाद ये मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है. राजनीतिक विश्‍लेषकों के मुताबिक बहुपक्षीय मुकाबले में बीजेपी को अक्‍सर फायदा होता है.

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अब डॉ. रमन सिंह का कर्ज उतार रहे हैं अजीत जोगी: कांग्रेस
इस कड़ी में प्रदेश कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता के अनुसार, जनता कांग्रेस के मुखिया अजीत जोगी अब तक बीजेपी सरकार की तमाम नीतियों पर लगातार निशाना साधते रहे हैं. पहले रमन सिंह के खिलाफ उतरने और अब अचानक मैदान से पीछे हटकर उन्‍होंने साफ कर दिया है कि वह बीजेपी के खिलाफ नहीं, बल्कि एक रणनीति के तहत अब तक बीजेपी के पक्ष में चुनाव मुख्‍यमंत्री डॉ. रमन सिंह का कर्ज उतार रहे हैं. उनके इस फैसले से बीएसपी को भी सबक लेना चाहिए कि अजीत जोगी किस तरह छत्‍तीसगढ़ की जनता के साथ छल कर अवसरवादी राजनीति कर रहे हैं. 

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बसपा ने लिया है जोगी के चुनाव न लड़ने का फैसला: बीजेपी
जनता कांग्रेस अजीत जोगी के इस फैसले से बीजेपी भी कम बेचैन नहीं है. चुनाव न लड़ने के फैसले को लेकर बीजेपी ने भी अजीत जोगी पर जोरदार हमला किया है. इस बाबत बीजेपी के प्रवक्‍ता शिवरतन शर्मा का कहना है कि चुनाव न लड़ने का फैसला अजीत जोगी ने खुद नहीं लिया, बल्कि यह फैसला लखनऊ में बैठीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने लिया है. अभी तक, अजीत जोगी के सभी फैसले कांग्रेस अध्‍यक्ष रही सोनिया गांधी लेती रही हैं, वहीं अब उनके फैसले उत्‍तर प्रदेश से मायावती ले रही हैं. 

जीत सुनिश्चित करने के लिए हुआ यह फैसला: अमित जोगी
वहीं, जनता कांग्रेस के सह-संस्‍थापक और अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी ने बीजेपी और कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. जी-‍डिजिटल को दिए साक्षात्‍कार में उन्‍होंने कहा है कि छत्‍तीसगढ़ विधानसभा चुनाव न लड़ने का फैसला सिर्फ पार्टी के जनाधार को मजबूत करने के लिए लिया गया है. उनकी जरूरत एक विधानसभा क्षेत्र से अधिक पूरे राज्‍य को है. उनके ऊपर प्रदेश की सभी विधानसभा क्षेत्रों की जिम्‍मेदारी है. यदि वे चुनाव लड़ते तो वे न ही अपनी विधानसभा को ज्‍यादा ध्‍यान दे पाते और न ही वह दूसरी विधानसभाओं में प्रचार के लिए नकल पाते. 

अमित जोगी ने जी-डिजिटल से बातचीत में साफ किया कि जनता कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और भारतीय कम्‍युनिस्‍ट पार्टी की तरफ से आज भी मुख्‍यमंत्री पद के उम्‍मीदवार अजीत जोगी ही हैं.

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