छत्तीसगढ़: जानिए रमन सिंह से कहां हुई चूक कि गवानी पड़ी 15 साल की सत्ता
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छत्तीसगढ़: जानिए रमन सिंह से कहां हुई चूक कि गवानी पड़ी 15 साल की सत्ता

आइए चुनावी नतीजों के रुझानों के बीच जानते हैं कि वो कारण क्या हैं, जिसके कारण रमन सिंह को हार का मुंह देखना पड़ रहा है.

फाइल फोटो

नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों (Chhattisgarh election results 2018) के परिणामों में अब तक के आए रुझानों में कांग्रेस 15 साल बाद सत्ता में वापस आती हुई नजर आ रही है. रुझानों में अब तक सत्तासीन बीजेपी 17 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है, जबकि कांग्रेस 67 सीटों पर जीत दर्ज कर ताज पहनने की आस लगा चुकी है. आखिरकार ऐसा क्या हुआ कि 15 साल तक छत्तीसगढ़ पर शासन करने के बाद बीजेपी के हाथों से कुर्सी जाने वाली है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, तो आइए चुनावी नतीजों के रुझानों के बीच जानते हैं कि वो कारण क्या हैं, जिसके कारण रमन सिंह को हार का मुंह देखना पड़ रहा है.

एंटी इन्केंबंसी
2003 से राज्य में सत्ता को संभाल रही बीजेपी को इन चुनावों में बड़े स्तर पर एंटी इन्केंबंसी का सामना करना पड़ा. चुनाव प्रचार से लेकर, मतदान की प्रक्रिया तक राज्य में सीएम रमन सिंह के प्रति नकारात्मक माहौल ही देखने को मिला. इसकी पुष्टि मतदान की प्रक्रिया पूरी होने केब बाद एग्जिट पोल में भी देखने को मिली. 

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नाराज थे अन्नदाता
सीएम रमन सिंह का दूसरा नाम चावल बाबा भी है. वह बेशक से चावल बाबा के तौर पर राज्य में प्रख्यात हों, लेकिन अन्न दाता किसान की नाराजगी को दूर करने में नाकामयाब रहे. चुनाव प्रचार के दौरान किसानों का प्रदर्शन इस बात पर मुहर लगाता है. दरअसल, राज्य के किसान फसलों के उचित दाम न मिलने से नाराज चल रहे थे. अन्नदाता का नाराज होना भी रमन सिंह की हार की एक वजह है. 

कांग्रेस का कर्जमाफी स्ट्रोक
किसानों की नाराजगी को रमन सिंह बेशक न भाप पाए, लेकिन कांग्रेस ने इस पर मास्टरस्ट्रोक खेला. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में किसानों को कर्जमाफी का वादा किया. कांग्रेस के इस वादे ने न सिर्फ किसानों को अपनी ओर आकर्षित किया, बल्कि मजदूर वर्ग के लोगों का ध्यान भी अपनी ओर खींचा. किसान ने कर्जमाफी का सोचकर कांग्रेस का दामन थामा, तो मजदूरों ने अपनी आस को पूरा होने के लिए.

नक्सलवाद पर नकेल नहीं
किसानों के साथ रमन सिंह छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को रोकने में नाकाम रहें. नक्सलवादी क्षेत्रों में लगातार हमले और उग्रवादी घटनाओं के कारण लोग नाराज थे. खास बात ये रही कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जमकर वोटिंग हुई, जाहिर है कि जो लोग परेशान था उन्होंने रमन सिंह को वोट देना पसंद नहीं किया. 

2013 चुनाव में क्या थे नतीजे
2013 में विधानसभा चुनाव के नतीजे 8 दिसंबर को घोषित किए गए थे. इन चुनावों में बीजेपी ने हैट्रीक लगाते हुए कांग्रेस को मात दी थी. रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी को 2013 में कुल 49 विधानसभा सीटों पर जीत मिली थी. जबकि कांग्रेस सिर्फ 39 सीटें ही जीत पाई थी. जबकि 2 सीटें अन्य के नाम गई थीं.

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