छत्तीसगढ़ को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मिले 2 राष्ट्रीय पुरस्कार
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छत्तीसगढ़ को स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में मिले 2 राष्ट्रीय पुरस्कार

 मातृ मृत्यु दर प्रति एक लाख प्रसव पर 221 से घटकर 173 रह गई है. इसी तरह शिशु मृत्यु दर जो वर्ष 2003 में प्रति एक हजार जीवित जन्म पर 70 थी, वह वर्ष 2017 में घटकर 39 रह गई है.'

(फाइल फोटो)

नई दिल्ली/रायपुरः छत्तीसगढ़ को स्वास्थ्य के क्षेत्र में दो राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं. केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ को ये पुरस्कार 'प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान' में शानदार प्रदर्शन और 'मातृ मृत्यु दर' में उल्लेखनीय कमी लाने पर दिये हैं. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इसके लिए प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर सहित सभी विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों और प्रदेशवासियों को बधाई दी है. यह पुरस्कार नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री अजय चंद्राकर को प्रदान किया. 

छत्तीसगढ़ सरकार ने सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य व्यवस्थाएं की बेहतर
प्रदेश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिले राष्ट्रीय पुरुस्कार से खुश डॉ. रमन सिंह ने कहा कि 'छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत महिलाओं की प्रसव पूर्व स्वास्थ्य जांच और जोखिम वाली गर्भवती माताओं के विशेष उपचार के साथ उनके सुरक्षित प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों में बेहतर व्यवस्था की है. 'प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान' के तहत राज्य में अबतक चार लाख 19 हजार गर्भवती महिलाएं लाभान्वित हुई हैं. इस योजना के लिए 258 निजी संस्थाओं का भी पंजीयन किया गया है.’’

2017 में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में आई कमी
मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि राज्य में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए आंगनबाड़ी केन्द्रों के स्तर पर पौष्टिक आहार वितरण के साथ-साथ गर्भवती माताओं को 'महतारी जतन योजना' के तहत पौष्टिक भोजन भी दिया जा रहा है. जिसके चलते मातृ स्वास्थ्य और शिशु स्वास्थ्य में सुधार आया है.'

वर्ष 2017 में मातृ मृत्यु दर 221 से घटकर 173 रह गई है
सीएम रमन सिंह ने आगे कहा कि 'प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं जिस तरह से बेहतर हो रही हैं यह उपलब्धि निश्चित रूप से सराहनीय है. छत्तीसगढ़ में वर्ष 2011 से 2013 की एसआरएस रिपोर्ट के अनुसार मातृ मृत्यु दर प्रति एक लाख प्रसव पर 221 से घटकर 173 रह गई है. इसी तरह शिशु मृत्यु दर जो वर्ष 2003 में प्रति एक हजार जीवित जन्म पर 70 थी, वह वर्ष 2017 में घटकर 39 रह गई है.'

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