दबंगों पर भारी पड़ी दलित की बारात, शिवराज ने लगा दी थी तीन थानों की पुलिस
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दबंगों पर भारी पड़ी दलित की बारात, शिवराज ने लगा दी थी तीन थानों की पुलिस

आखिरकार दबंगों को झुकना पड़ा और धूमधड़ाके से दलित दुल्हे की बारात गांव में आई. लेकिन इसके लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार को तीन थानों की पुलिस लगानी पड़ी. पुलिस टीम आंसू गैसे के गोल तक लेकर पहुंची थी. गांव में सालों बाद कोई दलित दूल्हा बैंड-बाजे के साथ अपनी दुल्हन के दरवाजे तक पहुंच पाया.

मध्यप्रदेश के माना गांव में तीन थानों की पुलिस सुरक्षा में दलित दूल्हे की आई बारात और मंडप में हुई शादी.

नई दिल्ली : आखिरकार दबंगों को झुकना पड़ा और धूमधड़ाके से दलित दुल्हे की बारात गांव में आई. लेकिन इसके लिए मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार को तीन थानों की पुलिस लगानी पड़ी. पुलिस टीम आंसू गैसे के गोल तक लेकर पहुंची थी. गांव में सालों बाद कोई दलित दूल्हा बैंड-बाजे के साथ अपनी दुल्हन के दरवाजे तक पहुंच पाया.

रविवार रात मालवा जिले के माना गांव में चंदर मेघवाल को अपनी बेटी ममता की शादी के लिए इतना सारा इंतजाम करना पड़ा, ताकि दबंग लोग कोई अड़चन न डाल सके. चंदर ने एक न्यूज चैनल को बताया कि गांव के दबंगों ने उन्हें चेतावनी दी थी कि शादी में कोई चमक-दमक नहीं होनी चाहिए. दबंगों ने सिर्फ ढोल बजाने की इजाजत दी थी और कहा था कि कोई बैंड-बाजा नहीं होना चाहिए. इतना ही नहीं, बारात को मुख्य सड़क की बजाय पीछे की संकरी गलियों से ले जाने को कहा था. लेकिन चंदर ने अपनी बेटी की शादी में कोई कसर न छोड़ने की ठान रखी थी.

चंदर ने अपनी शिकायत सीधे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के दफ्तर तक पहुंचा दी। उसके बाद शादी के लिए पुलिस सुरक्षा सुनिश्चित की गई. तीन थानों की पुलिस को इस काम में लगाया गया. इसके बाद बैंड भी बजा. बाइक पर सवार होकर दुल्हा पहुंचा. आगे-आगे बारात निकली और पीछे-पीछे सुरक्षा में लगाई गई पुलिस की भारी भरकम टीम. दरअसल इस इलाके में गुज्जर समुदाय ने कई सालों से दलित दूल्हों के घोड़ी पर बैठने को लेकर 'पाबंदी' लगा रखी है. चंदर मेघवाल को कहा गया था कि अगर उन्होंने 'नियम' तोड़ा तो उनके परिवार को सार्वजनिक कुएं से पीने का पानी भी भरने नहीं दिया जाएगा और मंदिरों में भी प्रवेश वर्जित कर दिया जाएगा। 

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