टीवी पत्रकार की मौत को मजाक में लेकर नए विवाद में फंसे कैलाश विजयवर्गीय
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टीवी पत्रकार की मौत को मजाक में लेकर नए विवाद में फंसे कैलाश विजयवर्गीय

  भाजपा के नवनियुक्त महासचिव एवं मध्यप्रदेश के नगर प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में हुई मौत को कथित तौर पर मजाक में लेकर एक नये विवाद को जन्म दे दिया है। हालांकि उन्होंने बाद में मीडिया के नाम एक पत्र भी जारी किया।

टीवी पत्रकार की मौत को मजाक में लेकर नए विवाद में फंसे कैलाश विजयवर्गीय

भोपाल:  भाजपा के नवनियुक्त महासचिव एवं मध्यप्रदेश के नगर प्रशासन एवं विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की आदिवासी बहुल झाबुआ जिले में हुई मौत को कथित तौर पर मजाक में लेकर एक नये विवाद को जन्म दे दिया है। हालांकि उन्होंने बाद में मीडिया के नाम एक पत्र भी जारी किया।

टीवी पत्रकार अक्षय सिंह को लेकर जब संवाददाताओं ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से प्रतिक्रिया पूछी, तो वहां मौजूद विजयवर्गीय ने कहा, ‘पत्रकार-वत्रकार छोड़ो । आज हम से बड़ा पत्रकार है क्या’? विजयवर्गीय को पार्टी महासचिव और पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाए जाने पर उनके सम्मान में प्रदेश कार्यालय में दो दिन पहले आयोजित एक समारोह के दौरान संवाददाताओं ने झाबुआ जिले के मेघनगर में गत शनिवार समाचार संकलन के लिए गए टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की रहस्यमय परिस्थितियों में हुई मौत को लेकर मुख्यमंत्री से सवाल पूछा था।

दूसरी ओर, प्रदेश भाजपा मीडिया प्रभारी डॉ. हितेष बाजपेयी ने आज यहां विजयवर्गीय की ओर से लिखित बयान जारी किया जिसमें उन्होंने कहा है ‘‘युवा पत्रकार साथी अक्षय जी की असामयिक मृत्यु बेहद दुखद व वेदना से भरी है। पत्रकार बंधु आलोचनाओं-प्रत्यालोचनाओं को सहते हुए किस तरह जीवटता से अपने काम को अंजाम देते है, यह मुझसे अधिक भला शायद कौन जान सकता है। उनकी भावनाओं से मेरा जुड़ाव रहा हैं । ये मध्यप्रदेश और देश के मेरे करीबी मित्र पत्रकार साथी भलीभांति जानते है’।

उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि जब हम मिलते हैं, एक राजनेता से इतर मैं पत्रकार साथियों के प्रति और वे मेरे प्रति अति सहज (मीडिया की भाषा में ‘ऑफ द रिकार्ड’) हो जाते हैं। लेकिन कल से मन व्यथित व दुखी है। साथी अक्षय की मौत पर मेरे संवेदनहीन होने का दुष्प्रचार कुछ मीडिया के लोग जिस तरह से कर रहे हैं, उससे मैं बेहद आहत हूं’’।

विजयवर्गीय ने कहा, ‘परसों रात को अनौपचारिक बातचीत के दौरान मीडिया के एक साथी ने मुझसे कुछ कहा, जिसे मैने अनौपचारिक अंदाज में ही टाल दिया। इस ‘ऑफ द रिकार्ड’ बातचीत को जिस तरह से सनसनीखेज बनाकर प्रचारित किया जा रहा है, उससे मुझे बेहद पीड़ा हुई है। मैं कोई सफाई नहीं देना चाहता....मीडिया के मित्रों से केवल एक सवाल का जवाब चाहता हूं.. क्या आपको लगता है कि कैलाश विजयवर्गीय इतना संवेदनहीन है, जो इस तरह की प्रतिक्रिया दे। और यह भी कि क्या पत्रकारिता का इस तरह से दुरूपयोग उचित है। आपके जवाब की प्रतिक्षा में...।

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