कर्नाटक में सत्य की जीत हुई और जोड़तोड़ की राजनीति का अंत- कमलनाथ
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कर्नाटक में सत्य की जीत हुई और जोड़तोड़ की राजनीति का अंत- कमलनाथ

कनार्टक विधानसभा चुनावों में 104 सीटें जीतकर बीजेपी सरकार बनाने वाली थी कि कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर गठबंधन कर लिया. 

फाइल फोटो

जबलपुर: कनार्टक विधानसभा चुनावों में 104 सीटें जीतकर बीजेपी सरकार बनाने वाली थी कि कांग्रेस ने जेडीएस के साथ मिलकर गठबंधन कर लिया. कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने शनिवार (19 मई) को कर्नाटक विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले ही अपना इस्तीफा दे दिया. इस फैसले के बाद से ही कांग्रेसियों के खेमे में खुशी की हर है. इधर मध्‍य प्रदेश में कमलनाथ ने भी इसे लोकतंत्र और सत्‍य की जीत बताया है. 

कमलनाथ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्‍ट करते हुए लिखा है कि कर्नाटक में आज सत्य की जीत, लोकतंत्र की जीत, कानून की जीत. इससे यह साबित हो गया कि संवैधानिक मूल्यों का मजाक उड़ाकर व बगैर बहुमत के ही भाजपा को मौका दिया गया था. जोड़ -तोड़ की राजनीति की अंत की शुरुआत.

 

 

वहीं सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अखिलेख यादव भी मध्‍यप्रदेश में हैं और खजुराहो में मौजूद अखिलेख ने कनार्टक फैसले पर कहा कि जिस राज्य में बीजेपी ने अल्पमत की सरकार बनाई, वहां बीजेपी की सरकार को इस्तीफे देकर सबसे बड़े दल को सरकार बनाने का मौका देना चाहिए. 

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बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को 19 मई शाम चार बजे राज्य विधानसभा में अपना बहुमत साबित करना था, लेकिन इसकी नौबत ही नहीं आई. कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा ने शपथ लेने के दो दिनों बाद शनिवार (19 मई) को पद से इस्तीफा दे दिया. येदियुरप्पा ने विधानसभा में बहुमत के लिए पक्ष में आवश्यक सदस्यों की संख्या न होने के कारण इस्तीफा दे दिया है. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद शनिवार (19 मई) को आयोजित बहुमत परीक्षण के दौरान येदियुरप्पा बहुमत के लिए आवश्यक सदस्यों की संख्या नहीं जुटा सके. 

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