चुनाव आने से पहले ही नेताओं को बोल बिगड़ने लगते हैं. अक्सर देखा गया है कि सत्ता पक्ष या विपक्ष कोई भी नेता हो, चुनाव के दौरान विवादित बयान देने में चूकते नहीं. खासकर जब बात मध्य प्रदेश की हो.
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नई दिल्ली: चुनाव आने से पहले ही नेताओं को बोल बिगड़ने लगते हैं. अक्सर देखा गया है कि सत्ता पक्ष या विपक्ष कोई भी नेता हो, चुनाव के दौरान विवादित बयान देने में चूकते नहीं. खासकर जब बात मध्य प्रदेश की हो. मध्य प्रदेश में इसी वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सत्ता पक्ष की शिवराज सिंह चौहान के एक मंत्री ने शिक्षा दिवस पर विवादित बयान दिया है. मध्य प्रदेश के शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने एक कार्यक्रम में सम्बोधित कर रहे थे. वो यहां शिक्षा दिवस के मौके पर बतौर अतिथि शामिल हुए थे. यहीं पर उनके विवादित बोल निकल गए.
ये था विवादित बोल
कार्यक्रम में कुवंर विजय शाह ने कहा 'मैं यहां देख रहा हूं कि कुछ हमारे साथी ताली बजा नहीं रहे, सिर्फ बजाने का बहाना कर रहे हैं. मैं आपको बता दूं कि गुरू जो है गोविंद से बना है, ईश्वर से बड़ा है. अगर गुरू के सम्मान में आपने तालियां नहीं बजाई तो अगले जन्म में घर-घर जाकर तालियां बजानी पड़ेंगी.'
#WATCH Madhya Pradesh Education Minister Kunwar Vijay Shah says 'Agar Guru ke samman mein apne taaliyan nahi bajayi to agle janam mein ghar ghar ja kar taaliyan bajani padengi' pic.twitter.com/2ofSTeubDT
— ANI (@ANI) September 5, 2018
पहले धोना पड़ा था कुर्सी से हाथ
बता दें 2013 में मध्य प्रदेश सरकार के आदिमजाति कल्याण मंत्री के पद पर रहते हुए भी विजय शाह ने एक कार्यक्रम में महिलाओं को लेकर खूब टीका-टिप्पणी की थी. उनके इस बयान के बाद तो उन्हें अपनी कुर्सी से भी हांथ धोना पड़ा था. विपक्षी दलों से लेकर खुद उनकी पार्टी ने भी उनके इस बयान का काफी विरोध किया था. दरअसल, मंत्री विजय शाह 2013 में एक कार्यक्रम के दौरान झाबुआ पहुंचे थे. जहां महिलाओं को लेकर उन्होंने कहा कि लगता है कि झाबुआ में एक के साथ एक फ्री मिलता है. शाह यहीं नहीं रुके, उन्होंने पंडाल में बैठी लड़कियों की ओर इशारा करते हुए यहां तक कह डाला, `पहला-पहला मामला कोई नहीं भूलता.`
मुख्यमंत्री को भी नहीं बख्शा
बच्चों के ठहाकों पर उनकी प्रतिक्रिया थी कि बच्चे भी बड़े समझदार हैं. कार्यक्रम में लगते ठहाकों के बीच आदिमजाति कल्याण मंत्री इतने मस्त हो गए कि उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी नहीं बख्शा. शाह ने कहा कि एक बार उन्होंने चौहान की पत्नी से कहा कि भइया के साथ तो रोज जाती हो, कभी देवर के साथ भी चली जाया करो. शाह की इस बयानबाजी के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था.