MP चुनाव: नदी किनारे होकर भी पानी की बूंद को तरसता है बुरहानपुर
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MP चुनाव: नदी किनारे होकर भी पानी की बूंद को तरसता है बुरहानपुर

2013 के चुनाव में बीजेपी की अर्चना चिटनिस को जीत मिली थी. उन्होंने कांग्रेस के अजय सिंह रघुवंशी को 22 हजार से ज्यादा वोटों से हरायआ था. अर्चना चिटनिस को 104426 वोट मिले थे तो वहीं अजय सिंह रघुवंशी को 81599 वोट मिले थे. 

फाइल फोटो

बुरहानपुर: मध्य प्रदेश की बुरहानपुर विधानसभा सीट जिले के अंतर्गत आने वाली दो विधानसभा सीटों में से एक है. बुरहानपुर विधानसभा सीट हाई प्रोफाइल सीट है. इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है. अर्चना चिटनिस यहां की विधायक हैं और वो राज्य सरकार में महिला बाल विकास मंत्री भी हैं. इस सीट पर जनता दल और एनसीपी को एक बार, भारतीय जनसंघ और निर्दलीय विधायक को 2 बार, जबकि कांग्रेस को 5 बार जीत मिली है. यहां कुल 2 लाख 88 हजार 77 मतदाता हैं. 

नदी के किनारे होने के बाद भी है प्यासा
सूर्य पुत्री ताप्ती नदी के किनारे बसा होने के कारण बुरहानपुर शहर आजादी के 70 साल बाद भी पानी की बूंद के लिए तरस रहा है. राजनीतिक गलियारों में हर साल बंदिशों को पानी देने का मुद्दा उठता तो है, लेकिन जीत के बाद जनता के नेता का आंखे न तो नदी की दुर्दशा पर पड़ती है और न ही यहां रहने वाले लोगों की प्यास पर. जलती, तपती गर्मी में जब पानी का हाहाकार मचता है तो भी लाखों लोगों को ट्यूबवेल का ही सहारा लेना पड़ता है. 

क्या है चुनावी मुद्दा
हर चुनाव की तरह इस बार भी बुरहानपुर में ताप्ती को स्वच्छ करने, किसान और उद्योग ही मुद्दा हैं. कांग्रेस, बीजेपी समेत सभी राजनैतिक पार्टियां लाखों की आबादी वाले बुरहानपुर की जनता के दिलों पर राज करने का सपना संजो रही है. हर बार की तरह घोषणा पत्रों में ताप्ती को साफ करने का वादा है, पर सवाल जस का तस बना हुआ है कि आखिरकार यह वादा और लाखों दिलों का सपना पूरा कब होगा. 

150 करोड़ की जलावर्धन
कांग्रेस, बीजेपी सत्तासीन होने के बाद बुरहानपुर में ताप्ती के पानी को लेकर करीब 150 करोड़ की जलावर्धन योजना सहित हजारों करोड़ की ताप्ती मेगा रिचार्ज योजना पर भी काम कई वर्षों से जारी है. जैसे मौसम की बारिश का पता नहीं होता कि वो कब बरसना बंद होगी, ठीक वैसे ही बुरहानपुर की जनता को नहीं पता कि आखिरकार ये योजना कब पूरी होगी और उनकी सरकार पानी की उम्मीदों पर खरी उतरेगी.

आस की राह में बुनकर
एक तरफ लाखों लोगों की प्यास है तो दूसरी तरफ रोजगार की बुनकर बुरहानपुर में अपनी किस्मत के दरवाजे खुलने का इंतजार कर रहे हैं. विश्व पटल पर अपनी पहना बना चुके बुनकर आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं. बुनकरी के अलावा कोई काम आता नहीं है तो रोजगार के सारे रास्ते बंद हैं.

इस बार है त्रिकोणीय मुकाबला
भाजपा प्रत्याशी अर्चना चिटनीस, कांग्रेस प्रत्याशी रविंद्र महाजन एवं निर्दलीय प्रत्याशी सुरेंद्रसिंह ठाकुर के बीच यहां रोचक त्रिकोणीय मुकाबले की स्थिति बन रही है. 

अल्पसंख्यक तय करेंगे प्रत्याशी कि किस्मत का फैसला
बुरहानपुर विधानसभा सीट पर अल्पसंख्यक मतदाताओं का बोल बाला है. इस सीट पर 1.10 लाख अल्पसंख्यक मतदाता हैं, जबकि 90 हजार मतदाता कोरकू समाज से आते हैं.

क्या कहता है पिछला चुनावी आंकड़ा
2013 के चुनाव में बीजेपी की अर्चना चिटनिस को जीत मिली थी. उन्होंने कांग्रेस के अजय सिंह रघुवंशी को 22 हजार से ज्यादा वोटों से हरायआ था. अर्चना चिटनिस को 104426 वोट मिले थे तो वहीं अजय सिंह रघुवंशी को 81599 वोट मिले थे. 2008 के चुनाव में बीजेपी की ही अर्चना चिटनिस को जीत मिली थी. अर्चना चिटनिस को इस चुनाव में 85362 वोट मिले थे तो वहीं कांग्रेस को हामिद काजी को 52508 वोट मिले थे.विधानसभा की 230 सीटें हैं.

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