मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर गांव भोलाना के एक किसान ने कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या कर ली है.
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नई दिल्लीः मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले से सिर्फ 15 किलोमीटर दूर गांव भोलाना के एक किसान ने कर्ज के बोझ तले दबकर आत्महत्या कर ली है. 42 साल के इस किसान ने अपने खेत में ही कीटनाशक पीकर अपनी जान दे दी. बताया जा रहा है कि किसान ने गांव में अपने डेढ़ एकड़ के खेत में पहले केला फिर कपास और उसके बाद दलहनी फसलें लगाई. लेकिन सिंचाई का साधन न होने से उसकी सारी फसलें सूख गईं और किसान को लाखों का नुकसान हुआ. किसान ने इन फसलों के लिए ब्याज पर लाखों का उधार ले रखा था. इसके अलावा किसान ने पड़ोस में रहने वाले शख्स के पास अपने बेटे को भी ढाई लाख में गिरवी रखा था. लेकिन फसलों के सूख जाने से हुए नुकसान के चलते उसकी सारी उम्मीदें खत्म हो गईं. जिसके चलते किसान ने अपने खेत में कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली.
अपने ही खेत में कीटनाशक पीकर की खुदकुशी
बता दें कि किसान ने अपने खेत में कई फसलें लगाईं, लेकिन सिंचाई के साधन न होने से उसकी सारी फसलें सूख गईं. फसलों के सूखने से किसान काफी हताश हो गया था. उसकी अपने बेटे को छुड़ाने की भी एक मात्र उम्मीद उसकी फसलें ही थीं. लेकिन सिंचाई के एक मात्र साधन बावड़ी के सूख जाने से उसकी वह उम्मीद भी खत्म हो गई . जिसके चलते उसने खुदकुशी कर ली. किसान की मृत्यु को दो दिन बीत चुके हैं. लेकिन अभी तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी उसकी सुध लेने नहीं पहुंचा.
बेटे को रखा था गिरवी
दरअसल, किसान ने खेती के लिए सहकारी समिति और अपने परिचितों से ब्याज पर उधार ले रखा था. इसके अलावा किसान ने अपने ही पड़ोस में रहने वाले शख्स के पास अपने बेटे को ढ़ाई लाख रुपये में गिरवी रखा था. उसने सोचा था कि अच्छी फसल होने के बाद उससे जो भी कमाई होगी उससे वह अपनी बेटी को छुड़ा लेगा. लेकिन बावड़ी के सूख जाने से उसकी सभी उम्मीदें खत्म हो गईं. फसलों के सूख जाने से हुए लाखों के नुकसान से किसान काफी हताश हो गया और खुदकुशी कर ली. बता दें कि खुदकुशी से पहले किसान ने अपने बेटे को भी अपनी व्यथा सुनाई थी.
किसान की आत्महत्या पर राजनीति
बता दें कि किसान की मृत्यु के दो दिन बाद भी कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मृतक के परिवार की सुध लेने नहीं पहुंचा है. लेकिन अब किसान की आत्महत्या पर राजनीति जरूर शुरू हो गई है. किसान की खुदकुशी पर कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी सरकार ने कृषि योजनाओं का न तो बेहतर प्रचार-प्रसार किया और न ही किसानों तक योजनाओं का लाभ पहुंचा. जिसके चलते किसान हताश होकर आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं. विपक्षी दल कांग्रेस ने मृतक का कर्ज माफ करने, गिरवी बालक को छुड़ाने और मृतक किसान के परिवार को 5 लाख मुआवजा देने की मांग की है.