मध्यप्रदेश में कश्मीर से भी बदतर है स्कूली शिक्षा की हालत: आजाद
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मध्यप्रदेश में कश्मीर से भी बदतर है स्कूली शिक्षा की हालत: आजाद

मध्य प्रदेश में 72,000 स्कूलों में बिजली के कनेक्शन नहीं है, 18,000 स्कूलों में एक-एक शिक्षक है और 58,000 स्कूलों में जर्जर भवन हैं. यह तो (देश में) कहीं भी नहीं है.

फाइल फोटो

भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने रविवार को भाजपा के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में स्कूल शिक्षा की स्थिति देश में सबसे खराब है और यह कश्मीर से भी बदत्तर है. आजाद ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मध्य प्रदेश में शिक्षा सबसे खराब है. यह मैं नहीं कह रहा हूं बल्कि नीति आयोग कह रहा है, जिसको मोदी साहब ने नया बनाया है." उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश में 72,000 स्कूलों में बिजली के कनेक्शन नहीं है, 18,000 स्कूलों में एक-एक शिक्षक है और 58,000 स्कूलों में जर्जर भवन हैं. यह तो (देश में) कहीं भी नहीं है."

युवाओं के साथ खिलवाड़
आजाद ने कहा, "कश्मीर में 30 साल से आतंकवाद है. ऐसी अंधेरगर्दी तो वहां भी नहीं है." उन्होंने सवाल किया, ‘‘मध्य प्रदेश में शिक्षा विभाग कैसे चलाया जा रहा है? आदरणीय मुख्यमंत्री जी, यह जंगल राज है. मध्य प्रदेश देश का हिस्सा है. क्या यहां पर कोई कानून व्यवस्था है. क्या इसे शिक्षा कहा जा सकता है? किस तरह से देश के युवाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है?’’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ओर स्पष्ट रूप से इशारा करते हुए आजाद ने कहा, ‘‘बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभान अल्लाह."

देश में लोकतंत्र खतरे में है- आजाद
चौहान पर हमला जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश में बलात्कार के मामले में और कुपोषण के मामले में भी नंबर एक पर है. आजाद ने कहा, "करीब 80 बच्चों की प्रतिदिन मध्य प्रदेश में कुपोषण से मौत होती है. बेरोजगारी भी यह (मध्य प्रदेश में) अव्वल है." कुछ माह पहले न्यायाधीशों द्वारा प्रेस कांफ्रेन्स करने एवं हाल ही में सीबीआई एवं आरबीआई में हुई गतिविधियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "देश में लोकतंत्र खतरे में है. उच्चतम न्यायालय एवं न्यायपालिका को कमजोर किया जा रहा है."

आईटी सेक्टर के कर्मचारियों ने नौकरी गंवाई
आजाद ने कहा कि मोदी सरकार स्किल इंडिया, स्टार्टअप, मेक इन इंडिया सहित सभी क्षेत्रों में असफल रही है. उन्होंने दावा किया कि पिछले एक साल में 56,000 आईटी सेक्टर के कर्मचारियों ने अपनी नौकरी गंवाई है. आजाद ने कहा कि मोदी सरकार की नोटबंदी एवं माल और सेवा कर (जीएसटी) को गलत तरीके के लागू करने से आम जन परेशान हुए हैं और इसका कहर झेल रहे हैं. इससे देश में बेरोजगारी बड़ी तादात में बढ़ी है.

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