मध्यप्रदेश हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदर्श मुनि त्रिवेदी ने बताया, ‘‘मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की तीनों पीठ के अलावा प्रदेश की 90 प्रतिशत जिला न्यायालय में वर्ष 2015-16 में एससी/एसटी कानून के तहत पेश किये गए मामलों का सर्वेक्षण एसोसिएशन ने करवाया था. उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में पाया गया कि महज दस प्रतिशत प्रकरण एसटी वर्ग द्वारा दर्ज करवाये गए. शेष 90 प्रतिशत प्रकरण एससी वर्ग द्वारा दर्ज करवाये गए.’’
नहीं होने दिया जाएगा एक्ट का दुरुपयोग- सीएम शिवराज
उन्होंने कहा, ‘‘अधिकांश प्रकरणों की सुनवाई जिला अदालत में हुई, जिसमें से 75 प्रतिशत मामलों में अदालत ने गुणदोष के आधार पर आरोपियों को बरी कर दिया.’’ उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से स्पष्ट है कि एसटी/एसटी कानून का दुरूपयोग किया जा रहा है. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति/ जनजाति अत्याचार निवारण बिल (एससी/एसटी एक्ट) के खिलाफ लगातार हो रहे विरोध-प्रदर्शन और आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा था कि मध्य प्रदेश में एससी/एसटी एक्ट में बिना जांच के गिरफ्तारी नहीं की जाएगी और एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग नहीं होने दिया जाएगा.
(इनपुट भाषा से)