मध्य प्रदेश में राहुल गांधी के दौरे से पहले, 100 कांग्रेस नेताओं का इस्तीफा
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मध्य प्रदेश में राहुल गांधी के दौरे से पहले, 100 कांग्रेस नेताओं का इस्तीफा

 कांग्रेस में मचे इस घमासान से पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के पार्टी में गुटबाजी खत्म होने के दावे की कलई खुल गई है.

कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की इस नाराजगी का छह जून को मंदसौर में होने वाली राहुल गांधी की सभा पर असर पड़ सकता है.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली/इंदौर: मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी में इस्तीफों का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की इस नाराजगी का 6 जून को मंदसौर में होने वाली राहुल गांधी की सभा पर असर पड़ सकता है. राज्य के कई जिलों से कांग्रेस पदाधिकारियों ने केन्द्रीय नेतृत्व को अपना इस्तीफा भेज दिया है. आपको बता दें कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से मंगलवार को मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति की घोषणा की गई थे. कार्यसमिति की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस में घमासान मच गया है. कांग्रेस में मचे इस घमासान से पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के पार्टी में गुटबाजी खत्म होने के दावे की कलई खुल गई है. गौरतलब है कि छह जून को मंदसौर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसान आंदोलन से चुनाव का शंखनाद करेंगे. 

  1. मध्य प्रदेश में शुरू हुआ कांग्रेस पार्टी में इस्तीफों का दौर

    मंगलवार को हुई थी मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति की घोषणा

    पार्टी में गुटबाजी खत्म होने के दावे की खुली कलई

पीसीसी में हुए बदलावों से हैं नाखुश
आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के लिए प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) में हुए बदलावों से कई कांग्रेस नेता खुश नही हैं. बताया जा रहा है कि प्रदेश स्तरीय समन्वय समिति में राजेंद्र सिंह गौतम को सदस्य बनाए जाने से ये बवाल मचा है. आपको बता दें कि राजेन्द्र सिंह गौतम ने लोकसभा चुनाव 2009 में मंदसौर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी मीनाक्षी नटराजन के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ा था. राजेन्द्र सिंह गौतम को तब अनुशासनहीनता के लिए पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया था. इस्तीफा देने वाले मंदसौर के जिला उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह गुर्जर का कहना है कि राजेन्द्र सिंह गौतम कांग्रेस से निष्कासित हैं और उन्होंने विधानसभा चुनाव 2013 में कांग्रेस के प्रत्याशियों के खिलाफ प्रचार किया था. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने राजेन्द्र सिंह गौतम को मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी में समन्वय समिति में सदस्य बनाया है. इससे कई कांग्रेस के नेता आहत हैं. आपको बता दें कि पूर्व कांग्रेस सांसद मीनाक्षी नटराजन के खेमे के लोगों द्वारा सैकड़ों की संख्या में इस्तीफे दिए गए हैं. 

मीनाक्षी हैं राहुल गांधी की करीबी नेत्री
सूत्रों की मानें, तो इन इस्तीफों के पीछे मीनाक्षी नटराजन को मेनिफेस्टो कमेटी में वाईस चेयरपर्सन बनाया जाना है. मीनाक्षी को इस विधानसभा चुनाव में किसी बड़े पद की अपेक्षा थी. आपको बता दें कि मीनाक्षी नटराजन मंदसौर से पूर्व सांसद हैं और कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव हैं. साथ ही मीनाक्षी को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है. वहीं ये भी कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव 2009 में मीनाक्षी नटराजन के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले राजेन्द्र सिंह गौतम को समन्वय समिति में सदस्य बनाए जाने से भी खफा हैं.

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सूत्रों का कहना है कि पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र सिंह गौतम सांसद और मप्र कांग्रेस चुनाव अभियान समिति अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे से आते हैं. महेंद्र सिंह गुर्जर का कहना है कि नीमच, मंदसौर और रतलाम में पार्टी के करीब एक सैकड़ों पदाधिकारियों ने इस्तीफे सौंप दिए हैं. 

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनावी तैयारियों को लेकर कांग्रेस ने कमर कस ली है, लेकिन अब इसे कांग्रेस नेता ही पलीता लगाने में जुट गए हैं. मंदसौर जिला कांग्रेस में मचे इस घमासान से प्रदेश में कांग्रेस की गुटबाजी खुलकर सामने आ गई है.

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