अगर ये नमूने एक जैसे पाए गए तो ये माना जा सकता है कि वायरस जयपुर के मध्य प्रदेश आए किसी यात्री के साथ वहां पहुंचा है.
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नई दिल्लीः एम्स भोपाल ने मध्य प्रदेश में जीका संक्रमण से पीड़ित लोगों के नमूने जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) पुणे भेज दिए हैं. एनआईवी इस बात की जांच करेगा कि क्या ये नमूने जयपुर में जीका संक्रमित मरीजों के नमूनों से मेल खाते हैं या नहीं. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक अधिकारी ने कहा कि अगर ये नमूने एक जैसे पाए गए तो ये माना जा सकता है कि वायरस जयपुर के मध्य प्रदेश आए किसी यात्री के साथ वहां पहुंचा है.
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जीका संक्रमण के मामले बढ़कर 127
मध्य प्रदेश में जीका संक्रमण के मामले बढ़कर 127 हो गए हैं, जिनमें 40 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं. इसके अलावा संक्रमण से दो लोगों की जान जा चुकी है. हालांकि अधिकारियों का कहना है कि मृतक इन्फेक्शन और दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे. मध्य प्रदेश के 7 जिलों में लोग जीका से संक्रमित पाए गए हैं. इसके अलावा जयपुर में जीका के 159 मामले सामने आए हैं. जीका के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मध्य प्रदेश में खासी निगरानी बरती जा रही है. सरकार ने इसके लिए सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
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एडीज मच्छर
जीका संक्रमण एडीज मच्छर के काटने से होता है, जिसमें आमतौर पर बुखार, खाल पर चकत्ते और जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है. जीका संक्रमण गर्भवती महिलाओं के लिए खासतौर पर नुकसानदायक होता है जो उनके भ्रूण को भी अपनी चपेट में ले सकता है. जीका से संक्रमित नवजात शिशु छोटे सिर के साथ पैदा होते हैं. (इनपुटः भाषा)