लगभग 20 दिन पहले मैंने प्रमाणित मतदाता सूची निकलवाई थी, जिसमें मेरा, मेरी पत्नी व बेटे का नाम था, लेकिन बीते रोज मतदाता सूची देखी तो मेरे परिवार का नाम गायब था.
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नई दिल्ली/टीकमगढ़ः मध्य प्रदेश की मतदाता सूचियों में फर्जी नाम जोड़े जाने और मतदाताओं के नाम काटे जाने के मामले में सोमवार को एक बड़ा खुलासा हुआ है. इसके मुताबिक, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री व टीकमगढ़ विधानसभा क्षेत्र से दावेदार यादवेंद्र सिंह बुंदेला, उनकी पत्नी व बेटे का नाम मतदाता सूची से गायब है, जिसे बुंदेला ने साजिश बताया है. बुंदेला ने आईएएनएस को बताया, "लगभग 20 दिन पहले मैंने प्रमाणित मतदाता सूची निकलवाई थी, जिसमें मेरा, मेरी पत्नी व बेटे का नाम था, लेकिन बीते रोज मतदाता सूची देखी तो मेरे परिवार का नाम गायब था." बुंदेला ने कहा, "नाम अचानक गायब किया जाना किसी साजिश का हिस्सा है. एक तरफ प्रमाणित प्रति में नाम था और अब यह गायब है. यह कैसे हुआ?
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स्तर अधिकारी की अनुशंसा पर काटे जाते हैं नाम
"बुंदेला के अनुसार, वे इस मामले की शिकायत पहले जिलाधिकारी, फिर राज्य निर्वाचन अधिकारी और चुनाव आयोग से करेंगे. सूत्रों का कहना है कि मतदाता सूची से नाम ब्लॉक स्तर अधिकारी (बीएलओ) की अनुशंसा पर काटे जाते हैं, लेकिन बुंदेला के परिवार का नाम काटने की बीएलओ ने अनुशंसा ही नहीं की. सवाल उठ रहा है कि क्या जिला निर्वाचन कार्यालय ही नाम जोड़ने और काटने में लग गया है.
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जिला निर्वाचन अधिकारी से की शिकायत
बुंदेला और उनके परिवार के सदस्यों के नाम गायब होने के मामले के संदर्भ में जिलाधिकारी व निर्वाचन अधिकारी अभिजीत अग्रवाल से संपर्क किया गया लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए. ज्ञात हो कि कांग्रेस लगातार मतदाता सूची में गड़बड़ी होने की शिकायत करती आ रही है. यह मामला चुनाव आयोग में लंबित है और अब पूर्व मंत्री के परिवार के सदस्यों के नाम गायब होने से कांग्रेस को एक और मुद्दा हाथ लग गया है. (इनपुटः आईएएनएस)