रायपुर के युवाओं की अनोखी पहल ताकि कोई बुजुर्ग न समझे खुद को अकेला
Advertisement
trendingNow1/india/madhya-pradesh-chhattisgarh/madhyapradesh339920

रायपुर के युवाओं की अनोखी पहल ताकि कोई बुजुर्ग न समझे खुद को अकेला

इस संस्था में करीब 700 सक्रीय सदस्य हैं जिसमें 60 महिलाएं और युवतियां भी शामिल हैं. 

(तस्वीर ब्राह्मण युवा पहल के फेसबुक पेज से साभार)

नई दिल्ली : तमाम रिपोर्ट्स इस बात की गवाह हैं कि आधुनिक समाज में बुजुर्ग उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं और अकेले रहने को मजबूर हैं. ऐसे में रायपुर के कुछ युवाओं ने अकेले रह रहे इन तमाम बुजुर्ग लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं. ये युवा रोजाना फोन पर या मुलाकात करके बुजुर्गों से उनकी परेशानियों के बारे जानते हैं. इतना ही नहीं जरूरत पड़ने पर उनके काम में मदद करने के अलावा उन्हें हॉस्पिटल भी ले जाते हैं. 

  1. एक फोन पर मदद के लिए पहुंचते हैं सदस्य
  2. बुजुर्गों को मुहैया कराते हैं जरूरत का सामान 
  3. सोशल मीडिया का भी लिया जा रहा सहारा 

ये ऐसे बुजुर्ग हैं जिनके बच्चे नौकरी या बिजनेस के चलते घर से से दूर रह रहे हैं, ऐसे में अब उनके पास कोई करीबी नहीं है जो उनकी मदद कर सके. इसी को ध्यान में रखते हुए राहुल शर्मा और उनके साथियों ने इस पहल की शुरुआत की है.  राहुल बताते हैं ‘आस-पड़ोस में कुछ बुजुर्ग दंपती अकेले रह रहे थे, इन सभी से घर जैसे संबंध हैं. कई बार उन्हें समस्याएं आतीं थी, तो परिजनों के कहने पर मैं उनका काम कर देता था. अक्सर घर जाकर उनका हाल-चाल पूछता. इससे उनका अकेलापन भी दूर हो जाता था और उनकी सेवा से मुझे भी सुकून मिलता. बड़ा हुआ तो दोस्तों से इस संबंध में चर्चा होती रहती थी. उनके भी कुछ बुजुर्ग परिचितों को ऐसी ही समस्या आती थी.

इसके बाद राहुल ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर 'ब्राह्मण युवा पहल' के नाम से एक संस्था बनाई. इस संस्था में करीब 700 सक्रीय सदस्य हैं जिसमें 60 महिलाएं और युवतियां भी शामिल हैं. ये लोग जरूरत पड़ने पर बुजुर्गों की मदद और देखभाल करते हैं. राहुल बताते हैं कि फिलहाल वे 10 बुजुर्ग दंपत्तियों की नियमित तौर पर मदद कर रहे हैं. 

डेढ़ साल पहले बनी ये संस्था अब एक बड़ा रूप ले चुकी है. संस्था रक्तदान, एंबुलेंस और शव वाहन जैसी सेवाएं भी दे रही है. इसके अलावा बॉडी फ्रीजर, व्हील चेयर, वॉकर, पेशेंट बेड और स्टिक भी बुजुर्गों को उपलब्ध कराई जाती है जिसे इस्तेमाल के बाद वापस करना होता है. लोगों से जुड़ने के लिए फोन के अलावा सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है. जिसके लिए वाट्सएप ग्रुप और फेसबुक पर पेज भी बनाया गया है. ब्राह्मण युवा पहल की सेवाएं लो रहे बुजुर्गों का कहना है कि उन्हें इन लोगों के साथ अपनों की कमी महसूस नहीं होती और किसी समय फोन करने पर ये लोग मदद के लिए हाजिर रहते हैं. 

Trending news