बिजली का उत्पादन 15500 मेगावाट तक पहुंचाकर राज्य ने रचा इतिहास: एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान
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बिजली का उत्पादन 15500 मेगावाट तक पहुंचाकर राज्य ने रचा इतिहास: एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि एक नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना तब मध्यप्रदेश का बिजली उत्पादन चार हजार मेगावाट था, लेकिन अब बिजली का उत्पादन 15500 मेगावाट तक पहुंचाकर राज्य ने एक इतिहास बनाया है।

भोपाल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि एक नवंबर 2000 को जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना तब मध्यप्रदेश का बिजली उत्पादन चार हजार मेगावाट था, लेकिन अब बिजली का उत्पादन 15500 मेगावाट तक पहुंचाकर राज्य ने एक इतिहास बनाया है।

चौहान ने 69वें स्वतंत्रता दिवस पर यहां भोपाल के मोतीलाल नेहरू पुलिस स्टेडियम में आयोजित समारोह में कहा, प्रदेश में विद्युत क्षमता में वृद्धि में ऐतिहासिक प्रगति हुई है। छत्तीसगढ़ बनने के बाद मध्यप्रदेश में मात्र चार हजार मेगावाट बिजली क्षमता बची थी, इसे बढ़ाकर 15500 मेगावाट तक पहुंचा दिया गया है। उन्होने कहा कि एशिया का सबसे बड़ा 135 मेगावाट क्षमता का सौर उर्जा संयंत्र नीमच में स्थापित हो गया है और अब 750 मेगावाट के विश्व के सबसे बड़े सौर उर्जा संयंत्र का निर्माण जल्दी ही रीवा में प्रारंभ होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, मुझे यह कहते हुए गर्व है कि हम सबके अथक परिश्रम और प्रयासों से मध्यप्रदेश के माथ से बीमारू राज्य का कलंक मिट गया है। पिछले दस वर्षों में लोगों की जिंदगी में खुशहाली लाने के अनेक प्रयास किए गए हैं, जिससे मध्यप्रदेश को विकसित राज्य का नया स्वरूप मिला है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की आर्थिक विकास दर निरंतर दो अंकों में बनी हुई है। पिछले साल यह देश की विकास दर से लगभग दोगुना रही। पिछले चार साल से कृषि विकास दर लगभग बीस प्रतिशत के बीच रही, जो अपने आपमें अतुलनीय उपलब्धि है। इससे विकास की कई नई संभावनाएं पैदा हुई हैं।

चौहान ने कहा कि राज्य सरकार गांव में शहरों जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध है। प्रदेश के गांव ‘स्मार्ट विलेज’ के रूप में विकसित हों, इसके लिए उनका मास्टर प्लान तैयार किया गया है। स्कूल, आंगनवाड़ी, स्वास्थ्य केन्द्र तथा पंचायतों के लिए भवन बनाए जा रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रदेश के हरदा जिले में चल रहे ‘ऑपरेशन मल युद्ध’ और ‘भाई नम्बर वन’ अभियान को सराहे जाने का जिक्र करते हुए कहा कि स्वच्छता अभियान में इस साल पांच हजार गांवों को खुले शौच की बुराई से मुक्त किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हम नगरीय क्षेत्रों में ‘खुले में शौच’ को पूरी तरह समाप्त करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार गरीब से गरीब और अल्पसंख्यकों के कल्याणकारी योजनाएं चला रही है और अल्पसंख्यक छात्राओं के लिए चार छात्रावास और मुसलमानों के लिए भोपाल में हज हाउस बनाया जा रहा है।

 

 

 

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