शिवराज सिंह चौहान के इस बयान के सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं.
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भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री आवास में अपना आखिरी कार्यक्रम किया. इस दौरान अपने विधानसभा क्षेत्र बुधनी के कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा, 'कोई यह चिंता मत करना कि हमारा क्या होगा...मैं हूं ना शिवराज सिंह चौहान...टाइगर अभी जिंदा है.' इसके साथ ही शिवराज सिंह चौहान ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस डोम (पंडाल) में यह आखिरी कार्यक्रम है.
यह सुनते ही वहां बैठी महिला कार्यकर्ता ऊंचे स्वर में बोल उठी, ''भैया, पांच साल बाद फिर आएंगे.'' इस पर पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने कहा ''हो सकता है पांच साल भी पूरे न लगें.''
इसके बाद उनका एक ट्वीट भी चर्चा का विषय बन गया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''हर एक लंबी दौड़ या फिर ऊंची छलांग से पहले दो क़दम पीछे हटना पड़ता है.'' 20 दिसंबर को शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री आवास से अपने B-8/74 बंगले पर चले जायेंगे.
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शिवराज सिंह चौहान के इन बयानों के सियासी निहितार्थ निकाले जा रहे हैं. इस संदर्भ में बीजेपी नेता राजेश अग्रवाल ने कहा, ''नंबर का आंकड़ा भले उनके पास (कांग्रेस) हो लेकिन वोट शेयर हमें ज्यादा मिला है, आज का पक्ष, कल का विपक्ष बन सकता है हम जोड़-तोड़ की राजनीति पर विश्वास नहीं करते. ये लोग खुद ही यदि अपनी गर्दन फंसा करके गिरना चाहेंगे तो हम क्या कर सकते हैं.
इस पर कांग्रेस के सैय्यद ज़फर ने कहा, ''बीजेपी के डीएनए में ही जोड़-तोड़ है. कर्नाटक हो या उत्तराखंड हो, आपने देखा होगा कि इन्होंने वहां क्या किया? ये गफलत में ना रहें, इनके भी कई विधायक हमारे संपर्क में हैं.''
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कांग्रेस ने बनाई सरकार
बता दें कि इस बार विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 41 फीसदी वोट मिले लेकिन सिर्फ 109 सीटें ही मिलीं. जबकि तकरीबन इतने ही प्रतिशत वोट कांग्रेस को मिले और उसके खाते में 114 सीटें आई हैं. जबकि एमपी में 230 विधानसभा सीटें है और बहुमत के लिए 116 विधायकों की जरूरत होती है. सरकार बनाने वाली कांग्रेस को 121 विधायकों का समर्थन हासिल है. राज्यपाल आनंदीबेन ने कमलनाथ को सोमवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई.
बुधनी से एक बार फिर जीते शिवराज
1990 के बाद 2008 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान बुधनी विधानसभा सीट से विजयी हुए. नतीजतन उन्हीं के नेतृत्व में बीजेपी ने सरकार बनाई. वहीं, 2013 में दोबारा शिवराज बुधनी से जीते और सरकार में कायम रहे. इस बार के चुनाव में शिवराज सिंह चौहान का मुकाबला कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव से था. इस चुनाव में यादव को शिवराज ने करीब 58 हजार से ज्यादा वोटों से शिकस्त दी.