कोरिया ज़िले में 2004 में एक परिवार के पांच लोगों को मौत के घाट उतारने वाले सोनू सरदार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर सख्त टिप्पणी की है, पढ़िए पूरी ख़बर।
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कोरिया: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के कोरिया ज़िले के बैकुंठपुर में स्क्रैप कारोबारी समेत उनके परिवार के 5 सदस्यों के मर्डर के मामले में दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर सख्त टिप्पणी की है।
सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट कैसे सोनू सरदार की फांसी पर रोक लगा सकता है।
क्या था मामला?
आपको बता दें कि सोनू सरदार ने पांच लोगों के साथ मिलकर 26 नवंबर 2004 को बैकुंठपुर में स्क्रैप कारोबारी शमीम अख्तर, उनकी पत्नी रुखसाना, 2 बेटियों समेत बेटे की हत्या कर दी थी।
हत्या के कुछ दिनों बाद चार आरोपी पकड़े गए, लेकिन एक आरोपी अभी भी फरार है।
इस मामले में 2008 में निचली अदालत ने सभी को फांसी की सज़ा सुनाई थी।
इसके बाद 2010 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सभी की फांसी की सजा को बरकरार रखा।
बाद में 23 फरवरी 2012 को सुप्रीम कोर्ट ने चार लोगों की मौत की सजा उम्रकैद में बदल दी, लेकिन सोनू सरदार की फांसी की सजा बरकरार रखी।
इसके बाद सोनू ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका लगाई थी, जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था।
भारत सरकार ने 8 मई 2014 को सोनू की मौत के फरमान पर मुहर लगा दी थी।
सोनू सरदार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में दाखिल रिव्यू याचिका खारिज कर दी गई है।
बावजदू इसके सोनू सरदार ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।