मध्य प्रदेश में पांच सालों में 32.58 प्रतिशत बढ़े किन्नर मतदाता
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मध्य प्रदेश में पांच सालों में 32.58 प्रतिशत बढ़े किन्नर मतदाता

इस तरह पिछले पांच साल में प्रदेश में थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 32.58 प्रतिशत बढ़ गई. राव ने बताया कि प्रदेश की सभी 230 विधानसभाओं में से भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 94 थर्ड जेंडर मतदाता हैं.

फाइल फोटो

भोपालः मध्यप्रदेश में पिछले पांच साल में किन्नर मतदाताओं की संख्या में 32.58 प्रतिशत वृद्धि हुई है. हालांकि निर्वाचन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, मतदाता सूचियों में नाम दर्ज करवाने के मामले में तमिलनाडु के किन्नर सबसे अधिक जागरूक हैं. गौरतलब है कि मध्यप्रदेश से शबनम मौसी देश की पहली किन्नर विधायक बनी थीं. वह वर्ष 2000 में प्रदेश में हुए उपचुनाव में शहडोल जिले की सोहागपुर सीट से विधायक चुनी गई थीं. देश में मध्यप्रदेश से ही पहली किन्नर कमला जान महापौर बनी थीं. वह प्रदेश की कटनी नगरपालिका से वर्ष 1999 में महापौर चुनी गई थीं. वर्ष 2009 में एक अन्य किन्नर कमला बुआ प्रदेश के सागर नगर निगम के लिए महापौर चुनी गई थी.

इंदौर में 3 विधानसभा क्षेत्र में 32 किन्नर मतदाता
मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी एल कान्ता राव ने कल शनिवार को ‘भाषा’ को बताया, ‘‘वर्ष 2013 में मध्यप्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में 970 मतदाता थर्ड जेंडर (किन्नर) के थे, जो 31 जुलाई 2018 में बढ़कर 1,286 हो गये हैं.’’ इस तरह पिछले पांच साल में प्रदेश में थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 32.58 प्रतिशत बढ़ गई. राव ने बताया कि प्रदेश की सभी 230 विधानसभाओं में से भोपाल मध्य विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 94 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. इंदौर में 3 विधानसभा क्षेत्र में 32, खंडवा में 29, जबलपुर पूर्व में 26, इंदौर-2 में 25, राऊ में 24, होशंगाबाद, बैतूल एवं इंदौर-5 में 21-21 एवं गोविन्दपुरा में 20 थर्ड जेंडर मतदाता हैं.

ग्वालियर पूर्व एवं सांवेर में 18-18 किन्नर मतदाता
राव ने बताया कि ग्वालियर पूर्व एवं सांवेर में 18-18, पनागर, बुरहानपुर एवं उज्जैन दक्षिण में 17-17, जौरा में 16, नेपानगर एवं इंदौर-4 में 14-14, नरेला, पंधाना, धार एवं नागदा में 13-13, ग्वालियर एवं कुक्शी में 12-12, डिण्डोरी, कसरावद, इंदौर-एक एवं उज्जैन उत्तर में 11-11 तथा ग्वालियर दक्षिण, शिवपुरी, दमोह, बहोरीबंद एवं हुजूर में 10-10 थर्ड जेंडर मतदाता हैं. बाकी 710 थर्ड जेंडर मतदाता अन्य विधानसभा क्षेत्र में हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से 23 सीटें ऐसी भी हैं जहां कोई थर्ड जेंडर का मतदाता नहीं है.

किन्नरों की संख्या का सही अनुमान नहीं
राव ने कहा कि मतदाता सूची में नाम लिखवाने के मामले में तमिलनाडु के थर्ड जेंडर मतदाता सर्वाधिक जागरूक हैं. वहां 4,720 थर्ड जेंडर मतदाता पंजीयन करा चुके हैं.’’ राज्य की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी कहती हैं कि राजनीतिक दलों की अनदेखी की वजह से चुनावी प्रक्रिया में किन्नरों की भागीदारी बहुत कम रहती है. उन्होंने कहा, ‘‘हम किन्नरों की संख्या का सही अनुमान नहीं लगा सकते, लेकिन राजनीतिक दलों की रूचि नहीं होने के कारण ही किन्नर मतदाता सूची में अपना नाम नहीं लिखाते.’’

विधानसभा चुनाव में 22,735 सर्विस मतदाता 
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 31 जुलाई 2018 तक मतदाताओं की संख्या 4,94,42,791 है, जिनमें 2,59,52,735 पुरूष और 2,34,88,770 महिला मतदाता हैं. वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में 22,735 सर्विस मतदाता थे, जो अब वर्ष 2018 में बढ़कर 57,510 हो गये हैं. (इनपुटः भाषा)

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