सीहोर: बाघ के हमले में आदिवासी बालक की मौत
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सीहोर: बाघ के हमले में आदिवासी बालक की मौत

मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के बुधनी के जंगल में बाघ के हमले में आज नौ वर्षीय एक आदिवासी बालक की मौत हो गई

गोंडी मोहल्ले में रहने वाला बालक शेखर परते जंगल में लकड़ी बीनने गया हुआ था.(फाइल फोटो)

सीहोर: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के बुधनी के जंगल में बाघ के हमले में आज नौ वर्षीय एक आदिवासी बालक की मौत हो गई. बीते 25 दिन में बुधनी वन इलाके में बाघ के हमले में यह दूसरे बच्चे की मौत है. इससे पहले 20 अक्तूबर को खंडाबड गांव की बालिका नीतू (10) को बाघ ने जान से मार दिया था.

  1. बाघ के हमले में आज नौ वर्षीय एक आदिवासी बालक की मौत हो गई. 
  2. 25 दिन में बुधनी वन इलाके में बाघ के हमले में यह दूसरे बच्चे की मौत है.
  3. 20 अक्तूबर को खंडाबड गांव की बालिका नीतू (10) को बाघ ने जान से मार दिया था. 

सीहोर वन संरक्षक मनोज अर्गल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया,‘‘बुधनी क्षेत्र के गोंडी मोहल्ले में रहने वाला बालक शेखर परते जंगल में लकड़ी बीनने गया हुआ था. इसी दौरान घने जंगल में बाघ ने उस पर हमला कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई.’’उन्होंने कहा कि जिस जगह यह घटना हुई, वह बुधनी पुलिस थाना इलाके में आता है.

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अर्गल ने बताया, ‘‘हमने बाघ के हमले में मारे गये शेखर परते के परिजन को 10,000 रूपये की तत्काल वित्तीय मदद मुहैया करा दी है. हम जल्द ही उसके परिजन को चार लाख रूपये का मुआवजा देंगे. उन्होंने कहा कि इससे पहले बुधनी के खंडाबड़ गांव के जंगल में बाघ के हमले में पांचवीं की छात्रा नीतू (10) की मौत हुई थी.

जब उनसे सवाल किया गया कि क्या एक ही बाघ ने इन दोनों बच्चों को मारा है, इस पर अर्गल ने बताया कि इस इलाके में चार बाघ विचरण करते हैं. इसलिए यह बताना मुश्किल है कि इन दोनों को एक ही बाघ ने मारा है या दो अलग-अलग बाघों ने. उन्होंने इस बात से इनकार किया कि एक बाघ आदमखोर हो गया है. 

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