महाराष्‍ट्र : एक दूल्‍हा, दो दुल्‍हन और सात फेरे, जानें क्‍या है पूरा मामला
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महाराष्‍ट्र : एक दूल्‍हा, दो दुल्‍हन और सात फेरे, जानें क्‍या है पूरा मामला

2 मई को नांदेड़ जिले के बिलोली तहसील के कोटग्‍याल गांव में हुई अनोखी शादी बनी चर्चा का विषय.

महाराष्‍ट्र के नांदेड़ जिले में दो दुल्‍हनों ने की एक दूल्‍हे से शादी.

नई दिल्‍ली : महाराष्‍ट्र के नांदेड़ जिले में 2 मई को एक ऐसी शादी हुई जिसकी चर्चा अब सब जगह हो रही है. जिले के बिलोली तहसील के कोटग्‍याल गांव में हुई यह शादी इस वजह से चर्चा में है क्‍योंकि इसमें दूल्‍हा तो एक ही था, लेकिन दुल्‍हन दो थीं. तीनों खुशी-खुशी सात फेरे लेकर शादी के बंधन में बंध गए. इस दूल्‍हे से शादी करने वाली दोनों दुल्‍हनें सगी बहनें हैं. दरअसल कोटग्‍याल गांव के रहने वाले गंगाधर शिरगिरे की तीन बेटियां हैं. इनमें से सबसे बड़ी बेटी मानसिक रूप से बीमार है. मंझली बेटी राजश्री का कुछ समय पहले ही रिश्‍ता तय हुआ था. राजश्री अपनी बड़ी बहन धुरपताबाई से बेहद प्रेम करती है. वह उसके बिना रहना पसंद नहीं करती. इस कारण जैसे ही शादी की तारीख करीब आई तो राजश्री को धुरपताबाई की चिंता सताने लगी. वह सोचने लगी कि उसकी तो शादी हो रही है, लेकिन उसकी बड़ी बहन, जो कि मानसिक रूप से बीमार है, उसकी शादी कैसे होगी. इस पर उसने इस बारे में अपने होने वाले पति साईनाथ उरेकर से बात की. राजश्री ने साईनाथ को उससे और उसकी बड़ी बहन से शादी करने के लिए मना लिया.

  1. दोनों दुल्‍हनें हैं सगी बहनें
  2. 2 मई को हुई है अनोखी शादी
  3. एक बहन मानसिक रूप से बीमार

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कुछ ऐसा था इस शादी का कार्ड.

राजश्री के होने वाले पति साईनाथ के लिए यह फैसला आसान नहीं था. लेकिन राजश्री का उसकी बड़ी बहन के प्रति प्रेम देखकर वह तैयार हो गए. दोनों परिवार जब राजी हो गए तो शादी के कार्ड छपवाए गए. कार्ड में दूल्‍हे के तौर पर साईनाथ और दुल्‍हन के तौर पर दो नाम राजश्री और धुरपताबाई लिखवाए गए. शादी की तैयारियां भी शुरू कर दी गईं. आखिरकार 2 मई को शादी समारोहस्‍थल पर मंडप लगा. इसमें तीनों ने खुशी-खुशी शादी कर ली. इस शादी की चर्चा पूरे इलाके में होने लगी.

लोगों के लिए यह शादी सामान्‍य शादियों से अलग थी. तो इस समारोह की तस्‍वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं. इसके बाद इस शादी को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होने पर परिवार की मुश्किलें बढ़ गईं. दूल्‍हे साईनाथ का कहना है कि दोनों लड़कियां उसके मामला की बेटियां हैं. उसका कहना है कि उसने तो शादी के लिए दोनों में से छोटी बहन को पसंद किया था. लेकिन जब राजश्री ने बड़ी बहन के मानसिक रूप से बीमार होने की बात बताई और उससे शादी की शर्त रखी तो उसने हां कर दिया. इसके बाद दोनों बहनों से शादी कर ली. 

दोनों दुल्‍हनों के पिता गंगाधर शिरगरे का कहना है कि उनकी बड़ी बेटी जन्म सें ही बीमार है. उन्‍होंने उसके इलाज के लिए 2 एकड़ जमीन बेच दी. बीमार होने की वजह सें इसकी  शादी नहीं होती थी. इस पर छोटी बहन ने बड़ी बहन से शादी की शर्त दूल्हे के सामने रखी और शादी हो गई. दोनों दुल्‍हनों की दादी कांताबाई शिरवले का कहना है कि बड़ी पोती जन्म से ही बीमार है. अब मां-बाप के बाद उसे देखने वाला कोई नहीं. तो छोटी बहन ने ही उसकी जिम्मदारी ली है. इन लड़कियों के रिश्तेदार शंकर शिरवले कहते हैं कि बड़ी लडकी जन्म से ही बीमार है, कोई काम नहीं कर सकती. रिश्तेदार के ही लड़के से दोनों की शादी हुई. उनका कहना है 'हम अनपढ़ हैं. कानून जानते नहीं, लेकिन किसी ने बताया कि ऐसी शादी को कानूनन मान्यता नहीं है. तो अब डर सता रहा है'.

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