दलित नेता इस ब्रिटिश जीत का जश्न मनाते हैं. ऐसा समझा जाता है कि तब अछूत समझे जाने वाले महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की ओर से लड़े थे. हालांकि, पुणे में कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने इस ‘ब्रिटिश जीत’ का जश्न मनाए जाने का विरोध किया था.
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पुणेः महाराष्ट्र के पुणे जिले में भीमा-कोरेगांव की लड़ाई की 200वीं सालगिरह पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सोमवार को हुई हिंसा में एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है. इस लड़ाई में ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना ने पेशवा की सेना को हराया था. दलित नेता इस ब्रिटिश जीत का जश्न मनाते हैं. ऐसा समझा जाता है कि तब अछूत समझे जाने वाले महार समुदाय के सैनिक ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की ओर से लड़े थे. हालांकि, पुणे में कुछ दक्षिणपंथी समूहों ने इस ‘ब्रिटिश जीत’ का जश्न मनाए जाने का विरोध किया था.
पुलिस ने बताया कि जब लोग गांव में युद्ध स्मारक की ओर बढ़ रहे थे तो सोमवार दोपहर शिरूर तहसील स्थित भीमा कोरेगांव में पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुई. एक शीर्ष पुलिस अधिकारी ने सोमवार देर शाम मीडिया को बताया कि हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हुई है. हालांकि, उसकी पहचान और कैसे उसकी मौत हुई इसका अभी ठीक-ठीक पता नहीं चला है.
Maharashtra: Violence between two groups during an event to mark 200 years of the Bhima Koregaon battle near Pune yesterday, vehicles set on fire pic.twitter.com/5RpITAK4qB
— ANI (@ANI) January 2, 2018
हिंसा तब शुरू हुई जब एक स्थानीय समूह और भीड़ के कुछ सदस्यों के बीच स्मारक की ओर जाने के दौरान किसी मुद्दे पर बहस हुई. भीमा कोरेगांव की सुरक्षा के लिये तैनात एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘बहस के बाद पथराव शुरू हुआ. हिंसा के दौरान कुछ वाहनों और पास में स्थित एक मकान को क्षति पहुंचाई गई.’’ उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के बाद कुछ समय के लिये पुणे-अहमदनगर राजमार्ग पर यातायात रोक दिया.
उन्होंने बताया कि गांव में अब हालात नियंत्रण में है. अधिकारी ने बताया, ‘‘राज्य रिजर्व पुलिस बल की कंपनियों समेत और पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है.’’ उन्होंने बताया कि मोबाइल फोन नेटवर्क को कुछ समय के लिये अवरूद्ध कर दिया गया ताकि भड़काऊ संदेशों को फैलाने से रोका जा सके.
इस मामले में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि, 'महाराष्ट्र के सीएम से इस मामले की जांच करने की मांग की है, आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा ना हो पाए '
Spoke to Maharashtra CM, demand that this matter should be inquired; action must be taken against the culprits so that such incidents don't recur: Union Minister Ramdas Athawale on violence between two groups during an event to mark 200 years of Bhima Koregaon battle near Pune pic.twitter.com/IFUTj752wr
— ANI (@ANI) January 2, 2018
इस कार्यक्रम में दलित नेता एवं गुजरात से नवनिर्वाचित विधायक जिग्नेश मेवाणी, जेएनयू छात्र नेता उमर खालिद, रोहित वेमुला की मां राधिका, भीम आर्मी अध्यक्ष विनय रतन सिंह और डा. भीमराव अंबेडकर के पौत्र प्रकाश अंबेडकर भी उपस्थित थे. घटना के बाद सभी ने बीजेपी पर आरोप लगाए.
Ppl have been going there for last 200 yrs, nothing like this ever happened. It was expected that more ppl will be there on 200th anniversary. More attention was needed in the matter: Sharad Pawar on alleged violence with Dalits on 200th anniversary of Bhima Koregaon battle #Pune pic.twitter.com/zmzWrGOe9q
— ANI (@ANI) January 2, 2018
एनसीपी नेता शरद पवार ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, लोग वहां 200 साल से जा रहे हैं. जैसा इस बार हुआ वैसा कभी नहीं हुआ. सभी को उम्मीद थी कि 200वीं सालगिरह पर ज्यादा लोग जुटेंगे. इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)