महाराष्ट्र: फड़नवीस ने जीता विश्वास मत, कांग्रेस बोली- 'दोबारा साबित करो बहुमत'
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महाराष्ट्र: फड़नवीस ने जीता विश्वास मत, कांग्रेस बोली- 'दोबारा साबित करो बहुमत'

बीजेपी सरकार ने महाराष्ट्र में विश्वास मत हासिल कर लिया है। देवेंद्र फड़णवीस की सरकार को ध्वनि मत से विश्वास मत हासिल हुआ। इस दौरान एनसीपी के विधायक गैर हाजिर रहे जबकि कांग्रेस और शिवसेना के विधायकों ने बीजेपी सरकार के खिलाफ वोट किया और विश्वास मत का विरोध किया।

महाराष्ट्र: फड़नवीस ने जीता विश्वास मत, कांग्रेस बोली- 'दोबारा साबित करो बहुमत'

मुंबई: देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली 13 दिन पुरानी भाजपा सरकार ने महाराष्ट्र विधानसभा में आज पूर्व सहयोगी शिवसेना के विरोध के बीच ध्वनि मत से विश्वास मत जीत लिया । विधायक आशीष शेलार द्वारा रखा गया विश्वास मत प्रस्ताव सदन में पारित हो गया जहां सत्तारूढ़ सरकार अल्पमत में है । शिवसेना विधायक मत विभाजन की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए । विधानसभा अध्यक्ष हरिभाउ बागड़े ने शोरशराबे के बीच घोषणा की, ‘विश्वास मत पारित हो गया है ।’

शिवसेना के आक्रोशित सदस्यों ने कहा कि वह विश्वास मत का विरोध करेगी और मांग की कि इसके नेता एकनाथ शिन्दे को नेता विपक्ष का दर्जा दिया जाए । पार्टी ने नारेबाजी की । विधानसभा अध्यक्ष ने बाद में शिन्दे को सदन में नेता विपक्ष नियुक्त करने की घोषणा की । इससे पूर्व, आज दिन में बागड़े को सर्वसम्मति से विधानसभा अध्यक्ष के रूप में चुन लिया गया । शिवसेना और कांग्रेस ने इस पद की दौड़ से अपने उम्मीदवारों को हटा लिया था ।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि वह नेता विपक्ष के पद की शिवसेना की मांग को विश्वास मत के बाद देखेंगे क्योंकि कांग्रेस ने भी दावा किया है और उन्हें कानूनी जटिलताओं का अध्ययन करना होगा । कांग्रेस ने इस आधार पर नेता विपक्ष के पद की मांग की थी कि शिवसेना भाजपा नीत राजग का हिस्सा बनी हुई है । शिवसेना के सदस्यों द्वारा विश्वास मत को ध्वनि मत से पारित किए जाने पर आपत्ति जताए जाने और मत विभाजन की मांग किए जाने के बाद बागड़े ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। जब कार्यवाही फिर से शुरू हुई तो अध्यक्ष ने शिन्दे को सदन में नेता विपक्ष नियुक्त करने की घोषणा की ।

शिन्दे के नेतृत्व में शिवसेना विधायकों ने विश्वास मत को ध्वनि मत से पारित किए जाने को लेकर विरोध दर्ज कराया और कहा कि यह ‘लोकतंत्र का गला घोंटे जाने’ के समान है । उन्होंने कहा, ‘सदन नियमों और संविधान के मुताबिक चलना चाहिए और इसे कुचला नहीं जाना चाहिए । नयी सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है । हमने मत विभाजन की मांग की थी, लेकिन विश्वास मत ध्वनि मत से पारित कर दिया गया ।’

उनके तर्क को खारिज करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘मुद्दा खत्म हो गया है । विश्वास मत पारित हो गया है।’ मुख्यमंत्री फडणवीस ने मुद्दे पर शिन्दे से कहा, ‘यद्यपि आपके नाम के पद के साथ विपक्ष शब्द जुड़ा है, लेकिन आपसे उम्मीद यह है कि आपको हर चीज और हर मुद्दे का विरोध नहीं करना चाहिए तथा लोक हित के फैसलों में सरकार का समर्थन करना चाहिए ।’ बाद में, विधानसभा के बाहर संवाददाताओं से पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि विश्वास मत को ध्वनि मत से पारित किया जाना ‘अभूतपूर्व’ है । उन्होंने मांग की कि सरकार को मत विभाजन के जरिए नए सिरे से विश्वास हासिल करना चाहिए । उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में यह एक काला दिन है । ध्वनि मत से कभी भी विश्वास मत पारित नहीं हुआ है । जब तक सरकार मत विभाजन के जरिए विधानसभा में बहुमत साबित नहीं करती तब तक सरकार अवैध है ।’

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष माणिक राव ठाकरे ने कहा कि प्रस्ताव पारित नहीं हुआ है क्योंकि मत विभाजन नहीं हुआ । उन्होंने कहा, ‘अल्पमत की सरकार होने के नाते प्रस्ताव को मत विभाजन के जरिए पारित कराना सरकार का दायित्व था । उनके पास (बहुमत से) करीब 25 विधायक कम हैं । अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार संसद में एक वोट से गिर गई थी ।’ ठाकरे ने कहा, ‘हम बहुमत की जोड़तोड़ के सभी प्रयासों को विफल कर देंगे और तब तक विधानसभा नहीं चलने देंगे जब तक कि सरकार नए सिरे से विश्वास मत हासिल नहीं कर लेती ।’ उन्होंने कहा कि पार्टी विधायक औपचारिक शिकायत दर्ज कराने के लिए राज्यपाल सी. विद्यासागर राव से मिलेंगे ।

शिवसेना के नेता रामदास कदम ने कहा, ‘विधानसभा आज कलंकित हो गई ।’ उन्होंने दावा किया कि क्योंकि सरकार के पास सदन में बहुमत नहीं है, इसलिए उसने विश्वास मत के लिए हेरफेर किया । कदम ने कहा, ‘मत विभाजन से यह स्पष्ट होता कि क्या उनके पास अधिकतर विधायकों का समर्थन है । विश्वास मत पारित नहीं हुआ है ।’ विधानसभा अध्यक्ष के आचरण के बारे में सवाल उठाते हुए कदम ने कहा कि वह राकांपा, जिसने सरकार को बाहर से समर्थन देने की घोषणा की है, सहित सभी गैर भाजपा विधायकों से बात करेंगे कि क्या उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना चाहिए । उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार ने जो किया है, उसके लिए महाराष्ट्र के लोग भाजपा सरकार को माफ नहीं करेंगे।’

 

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