किसान मोबाइल का बिल चुका सकते हैं तो बिजली का बिल क्यों नहीं : खड़से
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किसान मोबाइल का बिल चुका सकते हैं तो बिजली का बिल क्यों नहीं : खड़से

महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता एकनाथ खड़से अपने एक विवादास्पद बयान के चलते चलते चर्चा में हैं और और साथ ही विरोधियो के निशाने पर भी। उन्‍होंने कहा कि यदि किसानों के पास मोबाइल बिल चुकाने के लिए धन है तो वे अपना बिजली का बकाया चुकाने के लिए अनिच्छुक क्यों रहते हैं।

किसान मोबाइल का बिल चुका सकते हैं तो बिजली का बिल क्यों नहीं : खड़से

ज़ी मीडिया ब्‍यूरो

मुंबई : महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री और बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता एकनाथ खड़से अपने एक विवादास्पद बयान के चलते चलते चर्चा में हैं और और साथ ही विरोधियो के निशाने पर भी। उन्‍होंने कहा कि यदि किसानों के पास मोबाइल बिल चुकाने के लिए धन है तो वे अपना बिजली का बकाया चुकाने के लिए अनिच्छुक क्यों रहते हैं।

खड़से ने अकोला में ये कहकर सनसनी फैला दी कि किसानों के पास मोबाइल बिल भरने के पैसे हैं, लेकिन बिजली का बिल भरने के पैसे नहीं है। साथ ही ये भी कहा कि कनेक्शन कटने के डर से किसान हजार रुपये का मोबाइल बिल भरते हैं तो उन्हें बिजली का बिल भी भरना होगा। क्योंकि सरकार किसानों को बिजली बिल में सिर्फ सहूलियत देगी पर किसी भी हालत में बिजली बिल माफ नहीं करेगी।

उन्होंने कहा कि वे (किसान) माह दर माह अपने मोबाइल बिल चुकाते हैं क्योंकि वे नहीं चाहते कि उनका फोन कनेक्शन कट जाये। वे जानते हैं कि यदि उनका फोन कट गया तो वे किसी से बातचीत नहीं कर पाएंगे। खड़से ने कहा कि यदि उनके पास मोबाइल बिलों को चुकाने के लिए धन है तो उनके पास अपने बिजली के बिलों को चुकाने के लिए धन क्यों नहीं है। उन्हें अपने बिल एवं कर्ज चुकाने की आदत बनानी चाहिए। यह बात उन्होंने विदर्भ क्षेत्र के अकोला में संवाददाता सम्मेलन में कही। विदर्भ क्षेत्र किसानों की आत्महत्या के कारण पिछले कुछ सालों से सुखिर्यों में है।

इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नांदेड़ में संवाददाताओं से कहा कि भाजपा के मंत्री पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा सरकार में अपने समकक्षों की नकल कर रहे हैं। ठाकरे ने कहा कि यदि वे इसी तरह की संवेदनहीन टिप्पणियां करते रहे तो मौजूदा भाजपा सरकार और पूर्ववर्ती कांग्रेस-राकांपा सरकार में कोई अंतर नहीं रह जाएगा।

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