जानिये! याकूब को फांसी दिए जाने के आखिरी लम्‍हों के बारे में
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जानिये! याकूब को फांसी दिए जाने के आखिरी लम्‍हों के बारे में

करीब 257 लोगों की जान लेने और 700 से ज्यादा लोगों को घायल कर देने वाले 1993 के बंबई श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों के मामले में मौत की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की सुधारात्मक याचिका उच्चतम न्यायालय की ओर से खारिज कर दिए जाने के बाद उसे फांसी तय है। जानकारी के अनुसार, मेमन को फांसी देने को लेकर नागपुर केंद्रीय कारागार में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। गौर हो कि याकूब 1993 के मुंबई बम विस्फोटों में मौत की सजा का सामना करने वाला एकमात्र व्यक्ति है। हालांकि, मेमन ने खुद को मिली फांसी की सजा की तामील पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, याकूब को 30 जुलाई को फांसी दी जानी है।

जानिये! याकूब को फांसी दिए जाने के आखिरी लम्‍हों के बारे में

नागपुर: करीब 257 लोगों की जान लेने और 700 से ज्यादा लोगों को घायल कर देने वाले 1993 के बंबई श्रृंखलाबद्ध बम धमाकों के मामले में मौत की सजा पाने वाले एकमात्र दोषी याकूब अब्दुल रज्जाक मेमन की सुधारात्मक याचिका उच्चतम न्यायालय की ओर से खारिज कर दिए जाने के बाद उसे फांसी तय है। जानकारी के अनुसार, मेमन को फांसी देने को लेकर नागपुर केंद्रीय कारागार में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। गौर हो कि याकूब 1993 के मुंबई बम विस्फोटों में मौत की सजा का सामना करने वाला एकमात्र व्यक्ति है। हालांकि, मेमन ने खुद को मिली फांसी की सजा की तामील पर रोक लगाने की गुहार लगाई है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, याकूब को 30 जुलाई को फांसी दी जानी है।

याकूब को फांसी दिए जाने की तैयारियों के बीच जानिये, उसकी जिंदगी के आखिरी लम्‍हें कैसे होंगे। 257 लोगों के गुनहगार के गले में फंदा डाला जाएगा और उसके आखिरी लम्‍हें के लिए जेल में कई कदम उठाए जाएंगे। महाराष्‍ट्र की नागपुर जेल में मेमन को फांसी देने की तैयारी है। यदि 30 जुलाई को फांसी के कार्यक्रम को तय किया जाता है तो 22 साल से जेल में बंद याकूब मेमन सात मिनट के अंदर फांसी के फंदे पर झूल जाएगा और उसकी कहानी खत्‍म हो जाएगी। नागपुर जेल के अंदर एक खुले परिसर में उसे फांसी दी जाएगी। ये परिसर चारों ओर से दीवारों से घिरी हुई है। फांसी वाले दिन याकूब को सजा पढ़कर सुनाई जाएगी। उसके सेल से महज कुछ कदम दूर होगा फांसी का फंदा और उसके सेल से फांसी के फंदे की दूरी महज 2 मिनट के करीब होगी।  

याकूब को फांसी देने के लिए फिलहाल तीन रस्सियों को बंदोबस्‍त किया गया है। इन्‍हीं में से एक रस्‍सी से याकूब को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा। इन रस्सियों को मजबूत बनाने के लिए इन्‍हें घी में डुबोकर रखा जाता है। लटकाने पर तकलीफ न हो इसलिए रस्‍सी पर केले का लेप लगाया जाता है। फांसी के दिन सुबह में याकूब को उसकी पसंद के मुताबिक धार्मिक पुस्‍तक पढ़ने के लिए दी जाएगी। किसी प्रोफेशनल जल्‍लाद की गैर मौजूदगी में फांसी देने का जिम्‍मा जेल के ही किसी पुलिस कर्मचारी को सौंपा जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, याकूब को फांसी देने के लिए जेल के तीन कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है। फांसी दिए जाने के दिन ही रस्‍सी का चयन किया जाएगा।

गौर हो कि महाराष्‍ट्र में केवल दो जेलों के अंदर ही फांसी देने का इंतजाम है। पुणे के यरवदा जेल के अलावा नागपुर के जेल में ही यह इंतजाम है। यदि याकूब को नागपुर जेल में फांसी दी जाती है तो यह 24वीं फांसी होगी। फांसी दिए जाने के बाद गृह मंत्रालय को इसकी जानकारी दी जाएगी और फिर कानूनी कार्रवाई के बाद अंतिम कार्रवाई की प्रकिया शुरू की जाएगी। नागपुर पहुंच चुके याकूब के परिजन उसके लिए अब रहम की अपील कर रहे हैं। याकूब रजाक मेमन से तीन चार दिन पहले नागपुर स्थित केंद्रीय कारागार में उसकी पत्नी और बेटी सहित परिवार के कुछ लोगों ने भेंट की थी। ज़ी न्‍यूज याकूब के परिवारों के दावों या आरोपों का समर्थन नहीं करता है।

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