पूरे महाराष्ट्र के लगभग 4,000 डॉक्टर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं जिसके कारण शहर और अन्य जगहों पर सार्वजनिक अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित होने की आशंका है। एमएआरडी के अध्यक्ष डॉक्टर सागर मुन्डादा ने बताया कि महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेन्ट डॉक्टर ने दस मांग की है।
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मुंबई: पूरे महाराष्ट्र के लगभग 4,000 डॉक्टर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं जिसके कारण शहर और अन्य जगहों पर सार्वजनिक अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं प्रभावित होने की आशंका है। एमएआरडी के अध्यक्ष डॉक्टर सागर मुन्डादा ने बताया कि महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेन्ट डॉक्टर ने दस मांग की है।
उन्होंने बताया, ‘हमारी सुरक्षा को गंभीरता से लेने को लेकर हम पिछले पांच सालों से सरकार से आग्रह कर रहे हैं लेकिन कुछ भी नहीं हुआ। एक मरीज मर जाता है और डॉक्टरों पर हमला होता है।’ मुन्डादा ने बताया, ‘हम लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि सरकार हमसे एक बांड पर हस्ताक्षर कराए कि जिस विषय में हमने विशेषज्ञता हासिल की है , हम उसी विभाग में अपनी सेवाएं दें । उदाहरण के रूप में, अगर मैने साइकेट्री में एमडी किया है तो मैं इसी विभाग में काम करूं , इसे अनिवार्य बनाया जाना चाहिए। किसी अन्य विभाग में काम करना एक मरीज के जीवन से खिलवाड़ करने जैसा है।’ एमएआरडी के एक प्रतिनिधि से मुलाकात करने वाले राज्य के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने बताया कि सरकार उनकी मांगों को लेकर ‘सकारात्मक’ रूख रखती है और डॉक्टरों से हड़ताल वापस लेने की मांग करती है।
तावड़े ने बताया, ‘लंबे समय से लंबित डॉक्टरों के मुद्दों को सुलझाने के लिए मैंने एमएआरडी के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की थी। हमारी बातचीत डॉक्टरों की सुरक्षा, सीसीटीवी कैमरा लगाना और अस्पतालों में डॉक्टरों को सुविधा प्रदान करने पर केंद्रित थी । मैंने उन्हें सकारात्मक नतीजे का आश्वासन दिया है।’