आदर्श का ‘भूत’ चव्हाण का पीछा नहीं छोड़ रहा : शिवसेना
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आदर्श का ‘भूत’ चव्हाण का पीछा नहीं छोड़ रहा : शिवसेना

भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस पर थोड़ी नरमी बरतते हुए शिवसेना ने कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का नाम आदर्श सोसाइटी घोटाला के आरोपियों में से नहीं हटाया गया है ।

मुंबई: भाजपा के साथ गठबंधन टूटने के बाद कांग्रेस पर थोड़ी नरमी बरतते हुए शिवसेना ने कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ है कि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का नाम आदर्श सोसाइटी घोटाला के आरोपियों में से नहीं हटाया गया है ।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में छपे संपादकीय में कहा, ‘आदर्श’ नाम का यह भूत कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को छोड़ने को तैयार नहीं। जब भी वे (कांग्रेस) इससे बाहर निकलने की कोशिश करते हैं तब उन्हें कड़ा प्रतिरोध झेलना पड़ता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उन्हें (चव्हाण को) इस मामले (आदर्श घोटाला से) से फौरी राहत मिलती नजर नहीं आ रही।’ बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को सीबीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण के नाम को आदर्श सोसाइटी घोटाला आरोपी के रूप में हटाने को कहा गया था। इस साल जनवरी में महाराष्ट्र के राज्यपाल के. शंकरनारायणन द्वारा चव्हाण को मुक्त करने के सीबीआई के आग्रह को ठुकराए जाने के बाद जांच एजेंसी ने बंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

अपने एक वाक्य के आदेश में बंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस. जी. दिघे ने कहा, ‘मैं यह याचिका खारिज करता हूं।’ आवास घोटाला मामले में नाम आने के बाद चव्हाण को मुख्यमंत्री पद गंवाना पड़ा था। मामले में सीबीआई ने जांच शुरू की और वर्ष 2012 में चव्हाण तथा 12 अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। शिवसेना ने बताया कि वर्ष 2012 में मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में चव्हाण की जीत से उनका कैरियर एक बार फिर उपर उठता नजर आ रहा था लेकिन उच्च न्यायालय के ताजा आदेश ने एक बार फिर उनके राजनीतिक कैरियर पर ग्रहण लगा दिया।

 

 

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