#MeToo: केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के इस्तीफे बाद विदेश मंत्रालय ने कही ये बात
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#MeToo: केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के इस्तीफे बाद विदेश मंत्रालय ने कही ये बात

वीश कुमार ने कहा कि विदेश से लौटने के बाद केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने मंत्रालय से जुड़ी मीटिंग में भी शामिल हुए थे.

फोटो सौजन्य: ANI

नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के इस्तीफे के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि मंत्री ने इस्तीफा देते हुए अपना बयान भी जारी किया था. इस मामले पर हमें और कुछ नहीं कहना है. बता दें कि मीटू अभियान के तहत कई महिला पत्रकारों द्वारा यौन उत्‍पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद बढ़ते दबाव के बीच केंद्रीय विदेश राज्‍य मंत्री एमजे अकबर ने बुधवार को इस्‍तीफा दे दिया था. अकबर पर सबसे पहले महिला पत्रकार प्रिया रमानी ने यौन उत्‍पीड़न के आरोप लगाए थे. 

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की नहीं है जानकारी
रवीश कुमार ने कहा कि विदेश से लौटने के बाद केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने मंत्रालय से जुड़ी मीटिंग में भी शामिल हुए थे. उन्होंने साफ किया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से उनकी मुलाकात किसी मुलाकात को लेकर मुझे जानकारी नहीं है. गौरतलब है कि फिल्म इंडस्ट्री से शुरू हुए 'मीटू' अभियान (यौन उत्पीड़न के खिलाफ अभियान) के तहत अपने समय के मशहूर संपादक एवं केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर प्रिया रमानी के आरोप लगाने के बाद से अब तक 10 से भी अधिक महिला पत्रकारों ने खुलकर रमानी का समर्थन करते हुए अपनी आपबीती को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए अकबर पर यौन उत्‍पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे.

जानिए किन महिलाओं ने लगाए थे अकबर पर यौन शोषण के आरोप
मीटू अभियान के देश में जोर पकड़ने के बाद कई महिला पत्रकारों ने केंद्रीय विदेश राज्‍य मंत्री एमजे अकबर पर यौन उत्‍पीड़न के आरोप लगाए थे. इन आरोपों के लगाए जाने के बाद लगातार बढ़ रहे दबाव के बीच एमजे अकबर ने बुधवार को इस्‍तीफा दे दिया. बता दें कि सबसे पहले महिला पत्रकार प्रिया रमानी ने अकबर पर यौन उत्‍पीड़न के आरोप लगाए. प्रिया के बाद अब तक 10 से भी अधिक महिला पत्रकारों ने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए आरोप लगाए कि जब वे संपादक थे तो उन्‍होंने कई महिला पत्रकारों का यौन उत्‍पीड़न किया. 

प्रिया रमानी
मीटू अभियान के तहत सबसे पहले पत्रकार प्रिया रमानी ने अकबर पर लगाते हुए अपनी स्‍टोरी को साझा किया था. उन्‍होंने अक्‍टूबर, 2017 में वोग इंडिया में लिखे अपने ऑर्टिकल में डियर मेल बॉस को संबोधित करते हुए एक आर्टिकल लिखा था. उस वक्‍त दुनिया भर में शुरू हुए मीटू अभियान की पृष्‍ठभूमि में उन्‍होंने अपनी स्‍टोरी को लिखा था. हालांकि, उस वक्‍त उन्‍होंने आरोपी का नाम सार्वजनिक नहीं किया था. लेकिन, आठ अक्‍टूबर को उन्‍होंने अपनी स्‍टोरी के लिंक को शेयर करते हुए लिखा था कि दरअसल उनकी पुरानी स्‍टोरी एमजे अकबर से संबंधित थी. उन्‍होंने इसके साथ ही लिखा कि उनका नाम इसलिए नहीं लिया था, क्‍योंकि उन्‍होंने मेरे साथ 'कुछ' नहीं किया. लेकिन, कई अन्‍य महिलाओं की इससे भी बदतर स्‍टोरीज उनसे जुड़ी हो सकती हैं- संभवतया वे इसे शेयर करें.

प्रिया रमानी ने ऑर्टिकल में अपने एक जॉब इंटरव्‍यू के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि उस वक्‍त मैं 23 साल की थी और वह 43 साल के थे. संपादक ने मुझे दक्षिणी मुंबई के उस होटल में मिलने के लिए बुलाया, जहां वे हमेशा रुका करते थे. उन्‍होंने कहा कि दरअसल, वो इंटरव्‍यू कम डेट ज्‍यादा था. संपादक ने ड्रिंक ऑफर की और पुराने हिंदी गाने सुनाने को कहा. यहां तक कि उन्‍होंने अपने बेड के पास आकर बैठने को कहा जिसे मना कर दिया.

कनिका गहलोत
प्रिया रमानी के सामने आने के बाद इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक उनको मिलाकर छह महिला पत्रकारों ने एमजे अकबर पर आरोप लगाए हैं. इस कड़ी में रमानी की तरह के अनुभव फ्रीलांस पत्रकार कनिका गहलोत ने साझा किए हैं. उन्‍होंने द इंडियन एक्‍सप्रेस से कहा, ''मैंने भले ही रमानी का लेख नहीं पढ़ा है लेकिन मुझे इसकी जरूरत नहीं है क्‍योंकि मैंने अकबर के साथ तीन सालों तक काम किया है.'' कनिका ने 1995-1997 तक द एशियन एज में काम किया. एमजे अकबर वहां संपादक थे. कनिका ने कहा कि जब मैंने वहां ज्‍वाइन किया था, उससे पहले ही मुझे उनके बारे में बता दिया गया था.

गजाला वहाब
एक अन्‍य पत्रकार गजाला वहाब ने एमजे अकबर के खिलाफ अपने खौफनाक अनुभवों को अंग्रेजी वेबसाइट द वायर पर शेयर किया है. अपनी कहानी को बताते हुए गजाला ने कहा है कि एशियन एज अखबार में काम करने के दौरान जब एमजे अकबर की निगाहें उन पर पड़ीं तो वहां उनके नौकरी के अंतिम छह महीने नरक से भी बदतर रहे. गजाला वहाब इस वक्‍त FORCE न्‍यूजमैगजीन की एक्‍जीक्‍यूटिव एडीटर हैं. इसके साथ ही 'ड्रैगन ऑन योर डोस्‍टेप: मैनेजिंग चाइना थ्रू मिलिट्री पावर' पुस्‍तक की सह-लेखिका हैं.

सुपर्णा शर्मा
इसी तरह द एशियन एज की रेजीडेंट एडीटर सुपर्णा शर्मा ने कई वाकये शेयर किए हैं. उन्‍होंने द इंडियन एक्‍सप्रेस को बताया कि जब वह 1993-96 के दौरान अखबार की लांच टीम का हिस्‍सा थीं तो एक दिन अकबर एकदम पीछे आकर खड़े हो गए. उन्‍होंने कहा, ''मेरी ब्रा की स्‍ट्रेप को खींचा और कुछ कहा. जो कहा वो तो अब याद नहीं लेकिन मैं बहुत जोर से उन पर चिल्‍लाई.''

सबा नकवी
एमजे अकबर की एक पुरानी सहकर्मी सबा नकवी ने भी उनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. सबा ने दावा किया था कि अकबर ने एक बार मेरे घर तक पहुंच गए थे. वहीं, एक बार उन्होंने मुझे ऑफिस में अपने केबिन के अंदर गलत इरादों से हाथ भी लगाया था.

शुमा राहा
इसी तरह के मामले में लेखिका शुमा राहा ने द इंडियन एक्‍सप्रेस से कहा कि 1995 में जॉब इंटरव्‍यू के लिए कोलकाता के ताज बंगाल होटल में बुलाया. वहां पर उनके कमरे में बेड पर बैठकर इंटरव्‍यू देने को कहा. उसके बाद जॉब ऑफर करते हुए बाद में ड्रिंक पर आने को कहा. राहा ने कहा कि इन असहज करने वाली दशाओं के कारण उन्‍होंने वह जॉब नहीं की.

प्रेरणा सिंह बिंद्रा
इसी तरह पत्रकार प्रेरणा सिंह बिंद्रा ने सात अक्‍टूबर को एक ट्वीट में इसी तरह की मिलती-जुलती घटना का जिक्र किया. हालांकि पहले उन्‍होंने अकबर का नाम अपने ट्वीट में नहीं लिया लेकिन सोमवार को उनके नाम का जिक्र किया. इसी तरह एक अन्‍य पत्रकार शुतापा पॉल ने रमानी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए अकबर पर आरोप लगाए.  

रुथ डेविड
एमजे अकबर पर लंदन में रह रही पत्रकार रुथ डेविड ने भी यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. रुथ ने दावा किया था कि अकबर ने उन्हें अपने ऑफिस में बुलाया था. इसके बाद अकबर ने उनके साथ जोर-जबरदस्ती की और उन्हें किस करने लगे थे.

मजली डी पू कैंप
अमेरिका की रहने वाली पत्रकार मजली डी पू कैंप ने भी अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. सीएनएन के लिए काम करने वाली मजली ने मीटू अभियान के तहत सोशल मीडिया पर दावा किया था कि अकबर ने वर्ष 2007 में उनकी इंटर्नशिप के दौरान छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया था. मजली ने भी दावा किया था कि अकबर ने बिना उनकी मर्जी के उन्हें स्मूच किया था.

उल्‍लेखनीय है कि देश में ‘मीटू’ अभियान तेज हो गया है, मनोरंजन और मीडिया जगत से जुड़ी कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न की आपबीती साझा की है. अभिनेत्री तनुश्री दत्ता ने 2008 में एक फिल्म के सेट पर नाना पाटेकर पर यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है जिसके बाद हॉलीवुड के ‘मीटू’ की तर्ज पर भारत में भी यह अभियान शुरू हुआ है. पाटेकर ने तनुश्री के आरोपों का खंडन किया है.

 

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