वेंकैया नायडू ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व, कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका और मीडिया अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं लेकिन कई बार मीडिया सनसनी फैलाता है.
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नई दिल्ली : उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि मीडिया कई बार सनसनी फैलाता है और उसे यह याद दिलाए जाने की जरूरत है कि सकारात्मक रवैया आवश्यक है. उप राष्ट्रपति ने शुक्रवार को 12वें लोक सेवा दिवस के दो दिवसीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एक स्वच्छ, कुशल, जनमित्र और सक्रिय प्रशासनिक नेतृत्व समय की मांग है. उन्होंने कहा कि 'स्वराज्य' को हर भारतीय के लिए अर्थपूर्ण होना चाहिए और इसके लिए 'सुराज्य' अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि हमें अपनी कुशलता और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की ईमानदारी से समीक्षा करनी चाहिए.
वेंकैया नायडू ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व, कार्यपालिका, विधायिका, न्यायपालिका और मीडिया अपनी जिम्मेदारी निभाते हैं लेकिन कई बार मीडिया सनसनी फैलाता है. उन्होंने कहा कि सनसनी में समझदारी नहीं होती और यह निरर्थक बन जाता है. आपको यह ध्यान रखने की जरूरत है कि आप क्या संदेश देना चाहते हैं.
There is a need for honest introspection into effectiveness and efficiency of our administrative structures and processes.
It is this introspection and reflection that has made many civil servants to come up with alternative strategies for improving the system. @DrJitendraSingh pic.twitter.com/A6rm6aiRLH— VicePresidentOfIndia (@VPSecretariat) 20 अप्रैल 2018
उप राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं मीडिया के दोस्तों को कोई सीख नहीं दे रहा. वह मुझे ज्यादा बेहतर जानते हैं. लेकिन उन्हें यह याद दिलाए जाने की जरूरत है कि सकारात्मक रवैया आवश्यक है, मानसिकता बदलने की जरूरत है.’
उप राष्ट्रपति ने लोक सेवा अधिकारियों का आह्वान किया कि वे बदलाव की धुरी बनें और प्रेरक नेतृत्व प्रदान करें. उन्होंने कहा कि कार्यपालिका, विधायिका और न्यायपालिका तथा मीडिया की आज जिम्मेदारी है कि जातिवाद, साम्प्रदायिकता, भ्रष्टाचार, असमानता, भेदभाव और हिंसा का समूल नाश करने में अपनी भूमिका निभाएं.