पिछले साल 16 नवंबर को मिजोरम विधानसभा को सूचित किया गया था कि राज्य में 14,632 एचआईवी ग्रस्त लोगों की पहचान की गई है.
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एजल: देश के राज्यों मे पिछले साल मिजोरम में एचआईवी संक्रमित वयस्कों के मामले सबसे ज्यादा सामने आए. राज्य में इसके लिए जिन लोगों के खून के नमूनों की जांच की गई, उनमें से 2.04 प्रतिशत लोग इससे ग्रस्त पाए गए. मिजोरम एड्स नियंत्रण सोसायटी (एमएसएसीएस) के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि राज्य में अक्तूबर 1990 से इस साल अगस्त तक कम से कम 18,081 लोग एचआईवी संक्रमण से ग्रस्त पाए गए, जो 11 लाख की आबादी वाले राज्य में 1.6 फीसदी है.
राज्य में 14,632 एचआईवी ग्रस्त लोगों की पहचान की गई
पिछले साल 16 नवंबर को मिजोरम विधानसभा को सूचित किया गया था कि राज्य में 14,632 एचआईवी ग्रस्त लोगों की पहचान की गई है. राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की ओर से जारी की गई एचआईवी अनुमान रिपोर्ट 2017 के अनुसार मिजोरम उन पांच राज्यों में शामिल है, जहां संक्रमण से पीड़ित लोगों की संख्या में इजाफा हुआ है. हालांकि राष्ट्रीय स्तर पर इसमें कमी दर्ज की गई है. अधिकारी ने बताया कि इंडियन एचआईवी एस्टिमेशन्स 2017 टेक्निकल रिपोर्ट के मुताबिक, मिजोरम एचआईवी संक्रमण के मामले में देश में पहले स्थान पर है. यहां जिन लोगों के खून के नमूनों की जांच की गई उनमें से 2.04 प्रतिशत लोग इससे पीड़ित थे.
संक्रमण के फैलने का मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध
रिपोर्ट के मुताबिक, मिजोरम के बाद मणिपुर में 1.43 प्रतिशत और नगालैंड में 1.15 फीसदी मामले मिले हैं. एमएसएसीएस के अधिकारी ने बताया कि संक्रमण के फैलने का मुख्य कारण असुरक्षित यौन संबंध है. इसके बाद इंजेक्शन की सुई के दोबारा इस्तेमाल की वजह से संक्रमण फैलना है. समलैंगिकता के कारण भी लोगों को संक्रमण हुआ है. अधिकारी ने बताया कि 25-34 साल आयु वर्ग में एचआईवी संक्रमित लोगों की संख्या 42 प्रतिशत से अधिक है जबकि 35-49 आयु वर्ग के 26 फीसदी लोग एचआईवी से संक्रमित हैं.
(इनपुट भाषा से)