भारत में ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. ससंद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार ट्रिपल तलाक पर कानून बना सकती है. सरकार ने ट्रिपल तलाक पर कानून बनाने के लिए मंत्रियों की कमेटी गठित की है.
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नई दिल्लीः भारत में ट्रिपल तलाक को गैरकानूनी बनाने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. ससंद के शीतकालीन सत्र में केंद्र सरकार ट्रिपल तलाक पर कानून बना सकती है. सरकार ने ट्रिपल तलाक पर कानून बनाने के लिए मंत्रियों की कमेटी गठित की है. गौरतलब है कि 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने भारत में ट्रिपल तलाक को असंवैधानिक साबित कर दिया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी देशभर से ट्रिपल तलाक के कई मामले सामने आए है. पिछले कई दिनों से सरकार पर इस मामले को लेकर कानून बनाने की मांग की जा रही थी.
ट्रिपल तलाक को खत्म करने के लिए सरकार शीतकालीन सत्र में बिल ला सकती है. इस खबर के आने पर मुस्लिम धर्मगुरुओं ने कहा कि अगर सरकार इस विषय पर कानून बनाने पर विचार कर रही है तो उसे धार्मिक संगठनों से चर्चा करने के बाद ही आगे बढ़े.
Accordingly, it is learnt that a Ministerial Committee has been constituted to frame a Law and the Government proposes to bring this legislation in the forthcoming session of Parliament. #TripleTalaq
— ANI (@ANI) November 21, 2017
गौरतलब है कि 22 अगस्त 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं की आज़ादी पर अब तक सबसे बड़ा फैसला दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने एक बार में ट्रिपल तलाक को अवैध करार दिया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद से ऐसा लगा था कि मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से आजादी मिल गई है. लेकिन देश के कई हिस्सों से लगातार ट्रिपल तलाक की खबरें आ रही हैं. हैदराबाद की रहने वाली अतिया बेगम नाम की एक महिला ने अपने पति शेख सरदार मज़हर पर निकाह के 25 दिन के बाद फोन पर ट्रिपल तलाक देने का आरोप लगाया है. पीड़ित ने पुलिस से इसकी शिकायत की है.
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अतिया का आरोप है कि शादी से पहले वो मजहर को पैसे भी देती थी और दोनों एक दूसरे को 2006 से जानते थे.18 अक्टूबर 2017 को अतिया और शेख सरदार मज़हर का निकाह हुआ था. लेकिन निकाह के 25 दिन बाद ही मज़हर ने अतिया को ट्रिपल तलाक दे दिया. अतिया और शेख सरदार मज़हर दोनों हैदराबाद के रहने वाले हैं. 13 नवंबर को शेख मज़हर ने फोन पर अतिया को ट्रिपल तलाक़ दिया. अतिया जब विदेश में रहती थी तब वो मज़हर को पैसे भेजती थी. अतिया ने मज़हर के साथ निकाह में भी ढेर सारे पैसे खर्च किए थे.
क्या कहता है सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला
ट्रिपल तलाक (तीन तलाक) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त 2017 में दिए अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि ट्रिपल तलाक़ अमान्य, गैर-क़ानूनी और असंवैधानिक है. कोर्ट ने ट्रिपल तलाक को कुरान के बुनियादी सिद्धांतों के खिलाफ बताया था. कोर्ट ने कहा था कि जो परंपरा कुरान के सिद्धांतों के खिलाफ हो वह मंजूर नहीं हो सकती है. कोर्ट ने ट्रिपल तलाक पूरी तरह एकतरफा बताया और कहा कि इसे खत्म कर दिया जाए.
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ट्रिपल तलाक़ की स्थिति में पीड़ित महिला क्या करें ?
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ट्रिपल तलाक़ अवैध है. ट्रिपल तलाक़ पर पीड़ित महिला पुलिस में शिकायत कर सकती है. जिसके बाद ट्रिपल तलाक़ देने वाले के खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है. पीड़ित महिला ट्रिपल तलाक़ देने वाले से गुजारा भत्ता की मांग भी सकती है. इसके अलावा राष्ट्रीय महिला आयोग में ट्रिपल तलाक़ की शिकायत की जा सकती है. जिसके बाद पीड़ित महिला को महिला आयोग से कानूनी मदद मिलती है.