PM मोदी ने शी जिनपिंग को भारत आने का दिया न्योता, 2019 शिखर बैठक की पेशकश
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PM मोदी ने शी जिनपिंग को भारत आने का दिया न्योता, 2019 शिखर बैठक की पेशकश

राष्ट्रपति शी ने कहा कि दोनों देशों ने करीबी भागीदारी स्थापित की है और हाल के वर्षों में सकारात्मक प्रगति की है. उन्होंने कहा , ‘‘ पिछले पांच वर्षों में हमने काफी कुछ हासिल किया है. हम कई अवसरों पर एक - दूसरे से मिले हैं. ’’ 

चीन के वुहान में पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच पहली अनौपचारिक शिखर बैठक को भारत और चीन के बीच भरोसे को फिर से कायम करने और संबंधों में सुधार के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है(फोटोः पीटीआई)

वुहानः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को अगली अनौपचारिक शिखर बैठक 2019 में भारत में आयोजित करने की पेशकश की. इसपर चीनी राष्ट्रपति ने सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की.  मध्य चीनी शहर वुहान में राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ अभूतपूर्व शिखर बैठक के तहत प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि इस तरह की अनौपचारिक शिखर बैठक दोनों देशों के बीच परंपरा बन जानी चाहिए. पीएम मोदी ने शी से कहा, 'मुझे खुशी होगी अगर 2019 में हम भारत में इस तरह की अनौपचारिक शिखर बैठक कर सकें.' 

  1. चीन की दो दिवसीय अनौपचारिक यात्रा पर हैं पीएम नरेंद्र मोदी
  2. 2014 में सत्ता में आने के बाद से यह चीन की उनकी चौथी यात्रा है
  3. पीएम मोदी ने कहा कि भारत-चीन के पांच तत्व दुनिया को बेहतर बनाएंगे

चीनी राष्ट्रपति शी ने कहा कि दोनों देशों ने करीबी भागीदारी स्थापित की है और हाल के वर्षों में सकारात्मक प्रगति की है. उन्होंने कहा , ‘‘ पिछले पांच वर्षों में हमने काफी कुछ हासिल किया है. हम कई अवसरों पर एक - दूसरे से मिले हैं.' शी जिनपिंग ने कहा कि उनका मानना है कि भविष्य में वे समय - समय पर इस तरह मिल सकते हैं. उन्होंने कहा ,'मैं महामहिम के साथ गहन बातचीत को उत्सुक हूं और हम साझा समझ का निर्माण सुनिश्चित कर सकते हैं और चीन - भारत के संबंधों को अगले स्तर पर ले जाने में मदद कर सकते हैं.' 

शी ने मोदी से कहा,‘‘ भारत और चीन दोनों देशों की संयुक्त आबादी 2.6 अरब है जिसमें विकास के लिए जबर्दस्त क्षमता है. इन दोनों देशों का प्रभाव क्षेत्र और विश्व में बहुत तेजी से बढ़ रहा है.’’

वुहान में मोदी और शी के बीच पहली अनौपचारिक शिखर बैठक को भारत और चीन के बीच भरोसे को फिर से कायम करने और संबंधों में सुधार के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है , जो पिछले साल 73 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध की वजह से प्रभावित हुआ था. 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी की चीन की यह चौथी यात्रा है. उनकी चीन की फिर से एक यात्रा प्रस्तावित है. वह नौ जून से 10 जून तक किंगदाओ शहर में आयोजित होने वाले एससीओ सम्मेलन में भाग लेने जा सकते है.

(इनपुट भाषा से)

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