शीना बोरा मर्डर केस: CBI ने वित्तीय लेन-देन को बताया हत्या का मकसद
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शीना बोरा मर्डर केस: CBI ने वित्तीय लेन-देन को बताया हत्या का मकसद

शीना बोरा हत्याकांड में वित्तीय पहलू पर ध्यान केंद्रित करते हुए सीबीआई ने गुरुवार को कहा कि यहां एक अदालत से कहा कि उसने मुखर्जी के विदेशी बैंक खातों तक पहुंच के लिए इंटरपोल से मदद मांगी है। साथ ही अदालत ने पूर्व मीडिया बैरन पीटर मुखर्जी की हिरासत 30 नवंबर तक बढ़ा दी।

शीना बोरा मर्डर केस: CBI ने वित्तीय लेन-देन को बताया हत्या का मकसद

मुंबई: शीना बोरा हत्याकांड में वित्तीय पहलू पर ध्यान केंद्रित करते हुए सीबीआई ने गुरुवार को कहा कि यहां एक अदालत से कहा कि उसने मुखर्जी के विदेशी बैंक खातों तक पहुंच के लिए इंटरपोल से मदद मांगी है। साथ ही अदालत ने पूर्व मीडिया बैरन पीटर मुखर्जी की हिरासत 30 नवंबर तक बढ़ा दी। पीटर की हिरासत की मांग करते हुए सीबीआई ने कहा कि मुखर्जी दंपति ने करोड़ों रुपये का निवेश किया और ‘इंद्राणी और पीटर ने साल 2006-07 के दौरान विभिन्न कंपनियों का गठन किया और उनमें 900 करोड़ रुपये का निवेश किया।’ सीबीआई ने वित्तीय लेन-देन को शीना की हत्या का उद्देश्य बताया है।

मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी के पति पीटर को 19 नवंबर को गिरफ्तार किया गया और आज तक के लिए सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था। पीटर की हिरासत मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट आर वी एडोन ने चार दिन के लिए बढ़ा दी। सीबीआई का प्रतिनिधित्व अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल अनिल सिंह ने किया। उन्होंने अदालत से कहा, ‘आईएनएक्स (जिसमें पीटर और इंद्राणी भागीदार थे) सौदों से घपला किए गए धन को सिंगापुर में शीना बोरा के एचएसबीसी खाते में भेजा गया।’ अदालत को सूचित किया गया, ‘सीबीआई ने एचएसबीसी बैंक, सिंगापुर में शीना के नाम सहित मुखर्जी दंपति के खातों तक पहुंच के लिए इंटरपोल को पत्र लिखा है।’ सीबीआई ने अदालत से भी कहा कि डीबीएस बैंक सिंगापुर में काम करने वाली गायत्री आहूजा नाम की महिला ने एचएसबीसी सिंगापुर में खाता खुलवाने में इंद्राणी की मदद की।

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