नग्न दलित बच्चों का वीडियो शेयर करने पर राहुल गांधी को नोटिस
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नग्न दलित बच्चों का वीडियो शेयर करने पर राहुल गांधी को नोटिस

आयोग ने पीड़ितों की पहचान उजागर करने पर उन्हें 10 दिन में जवाब देने को कहा है. इस वीडियो में नाबालिग बच्चों के चेहरे साफ दिखाई दे रहे हैं.

फाइल फोटो

मुंबई : कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं. अभी हाल ही में भिवंडी की अदालत में वह मानहानि के एक मामले में पेश हुए थे. अब महाराष्ट्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एमएससीपीसीआर) ने उन्हें समन भेजा. यह समन महाराष्ट्र के जलगांव में पिछले सप्ताह सवर्ण जाति के लोगों के कुएं पर नहाने की सजा के तहत तीन दलित लड़कों को नग्न कर उन्हें गांव में घुमाए जाने का वीडियो राहुल गांधी ने अपने ट्वीटर पेज पर अपलोड किया था. आयोग ने पीड़ितों की पहचान उजागर करने पर उन्हें 10 दिन में जवाब देने को कहा है. इस वीडियो में नाबालिग बच्चों के चेहरे साफ दिखाई दे रहे हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता अमोल जाधव से शिकायत मिलने के बाद आयोग के अध्यक्ष प्रवीन घुगे ने मामले को तत्काल संज्ञान में लिया. जाधव ने मंगलवार को इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को पत्र लिखा. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि उन्हें अब तक समन नहीं मिला है, लेकिन कुछ भी बोलने से पहले वे इसकी जांच करेंगे.

सावंत ने कहा कि वर्तमान सरकार द्वारा मुद्दे से भटकाने का यह एक प्रयास है. यह ध्यान में रखा जाना चाहिए कि जिस वीडियो की बात हो रही है वह तो सोशल मीडिया पर पहले ही वायरल है और इसे अपलोड करना अपने आप में एक अपराध है."

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आयोग ने कहा कि शिकायतकर्ता ने राहुल गांधी द्वारा 15 जून को उनके ट्विटर पर वह वीडियो अपलोड करने के कारण उन पर बाल अपराध से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग की है.

बता दें कि जलगांव में दो दलित लड़कों को एक अन्य जाति के कुंए पर नहाने पर पीटा गया था और निर्वस्त्र कर घुमाया गया था. इस घटना का वीडियो वायरल हुआ था. पिटाई के वक्त नाबालिग शरीर को ढंकने के लिए पत्तों का सहारा लेते नजर आए थे. इस घटना के सामने आने के बाद राहुल गांधी ने 15 जून को इन बच्चों का वीडियो ट्विटर पर शेयर करते हुए बीजेपी और आरएसएस पर हमला बोला था. 

राहुल गांधी ने ट्वीट में कहा, ''महाराष्ट्र के इन दलित बच्चों का अपराध सिर्फ इतना था कि ये सवर्णों के इलाके में नहा रहे थे. आज मानवता भी आखिरी तिनकों के सहारे अपनी अस्मिता बचाने का प्रयास कर रही है. आरएसएस/भाजपा की नफरत की राजनीति के खिलाफ हमने अगर आवाज नहीं उठाई तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा.''

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