मुंबई बम धमाके के आरोपियों में एक, फारुख टकला को बीते सप्ताह ही गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुख्य आरोपी दाउद इब्राहिम अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है.
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नई दिल्ली/मुंबई: ब्लैक फ्राइडे को आज 25 साल पूरे हो गए. 25 साल पहले 1993 में आज ही के दिन पूरा मुंबई सीरियल बम ब्लास्ट से दहल उठा था. एक के बाद एक 12 बम धमाकों में 257 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 1300 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे. करीब दो घंटे तक मुंबई शहर में चारों तरफ बम धमाके होते रहे. वह दिन मुंबई के लोगों के लिए कयामत का दिन था. ना तो लोग समझ पा रहे थे और ना ही पुलिस-प्रशासन, कि चारों तरफ क्या हो रहा है? और ऐसा कब तक होता रहेगा? यह हमला उस वक्त दुनिया का सबसे बड़ा आतंकी हमला था.
भारत में पहली बार बम धमाके के लिए RDX का इस्तेमाल किया गया था. उस धमाके के आरोपियों में एक, फारुख टकला को बीते सप्ताह ही गिरफ्तार किया गया है, जबकि मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है. मुंबई को सबसे बड़ा जख्म देने वाले दाऊद को पड़ोसी पाकिस्तान ने पनाह दे रखा है. इन 25 सालों में कितनी सरकारें आईं और चली गईं, लेकिन सभी दाऊद को भारत लाने में नाकाम रहे. दाऊद की शक्ल जब कभी टीवी स्क्रीन या अखबारों में दिखती है मुंबई के लोगों के जख्म हरे हो जाते हैं.
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48 घंटे के भीतर आरोपियों का पता चला
मुंबई सीरियल ब्लास्ट के बाद देश की आंतरिक सुरक्षा और सुरक्षा एजेंसियों के काम करने का तरीका ही बदल गया. हमले के 48 घंटे के भीतर ही पता कर लिया गया कि इस हमले के पीछे अंडरवर्ल्ड का हाथ है. हमले के बाद मुंबई को अंडरवर्ल्ड और स्मगलर से मुक्त करने का अभियान शुरू हुआ. देश की तमाम इंटेलिजेंस एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ा. बॉर्डर एरिया पर सुरक्षा चाक-चौबंद की गई. क्राइम ब्रांच ज्यादा एक्टिव हुआ. इन्हीं वजह सें मुंबई को क्राइम फ्री स्टेट बनाने का सपना आज सच साबित हो पाया है.
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मुंबई हमला 25 साल बाद