शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान को बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) की मन्नत बुधवार को पूरी नहीं हो पाई. एनडीपीएस कोर्ट ने आर्यन खान समेत तीनों आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज कर दी.
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मुंबई: बॉलीवुड के किंग कहे जाने वाले शाहरुख खान और उनकी पत्नी गौरी खान को बेटे आर्यन खान (Aryan Khan) की रिहाई का बेसब्री से इंतज़ार था. आर्यन खान के परिवार को आस थी कि 17 दिन बाद उनका बेटा जेल से बाहर आ जाएगा.
परिवार को उम्मीद थी कि 14 अक्टूबर की सुनवाई में मुंबई की स्पेशल NDPS कोर्ट ने जो फैसला सुरक्षित रखा था. उसमें उनके बेटे आर्यन खान को ज़मानत मिल जाएगी लेकिन मन्नत अधूरी रह गई.
किंग खान के परिवार के लिए बुधवार दोपहर 2 बजकर 45 मिनट का समय सबसे ज्यादा उम्मीद वाला और सबसे कठिन वक्त था. शाहरुख, और गौरी खान को उम्मीद थी कि फैसला बेटे के हक में आएगा और आर्यन खान (Aryan Khan) को ज़मानत मिल जाएगी. हालांकि कोर्ट का फैसला आया, उससे उनकी उम्मीद पूरी नहीं हो पाई.
कोर्ट ने आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की जमानत अर्जी खारिज कर दी. इस दौरान कोर्ट में आर्यन खान के वकील अमित देसाई, सतीश मानशिंदे, शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी, अरबाज मर्चेंट के वकील एडवोकेट तारिक सैय्यद और मुनमुन धमेचा, NCB के वकील भी मौजूद रहे.
जज वीवी पाटिल ने आर्यन (Aryan Khan) समेत तीनों आरोपियों की जमानत खारिज करने के बाद शाम में विस्तृत आदेश (NDPS Court Judgment on Aryan Khan Case) जारी किया. जज ने अपने आदेश में कहा, 'NCB की ओर से पेश व्हाट्सएप चैट से पता चलता है कि आरोपी नंबर 1 नियमित रूप से मादक पदार्थों के मामले में लिप्त रहा है. इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि जमानत मिलने के बाद वह इस तरह का काम दोबारा नहीं करेगा.'
जज ने कहा कि आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की मामले में प्रथम दृष्टया संलिप्तता को देखते हुए यह जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला नहीं है. एनसीबी की ओर से पेश की गई सामग्री के आधार पर इस मामले में एनडीपीएस अधिनियम की धारा 29 भी लागू है. ऐसे में जांच के इस स्तर पर आरोपियों को जमानत दिया जाना संभव नहीं है.
जज ने कहा कि इस मामले में NCB की ओर से पेश ASG ने तर्क रखे हैं कि आरोपियों के खिलाफ हालांकि पहले से कोई मामला दर्ज नहीं है लेकिन जांच में सामने आया है कि उनके इंटरनेशल ड्रग पैडलर से संबंध रहे हैं. आरोपी आर्यन खान (Aryan Khan) प्रभावशाली व्यक्ति है. अगर उसे जमानत पर छोड़ा जाता है तो वह सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकता है.
जमानत अर्जी खारिज करते हुए जज ने कहा, 'रिकॉर्ड पर मौजूद सबूतों को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता है तीनों आरोपी इस तरह के अपराध के दोषी नहीं हैं और उनके द्वारा इस तरह के अपराध करने की संभावना नहीं है. इस सब कारणों को देखते हुए मैं मानता हूं कि जमानत आवेदन खारिज किए जाने योग्य हैं.'
एनडीपीएस कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होते ही आर्यन (Aryan Khan) के वकील बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंच गए. उनकी याचिका पर गुरुवार को मामला हाई कोर्ट में लिस्टेड हो सकता है. ऐसे में अब आरोपियों के लिए आगे का कानूनी रास्ता क्या होगा. आर्यन खान कब तक रिमांड पर रहेगा. इस मामले में अगली सुनवाई कब हो सकती है. इस मुद्दे पर ज़ी न्यूज ने वकीलों से बात की.
वकीलों ने बताया कि आर्यन (Aryan Khan) के वकील बॉम्बे हाई कोर्ट में सेशंस कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए अर्जेंट लिस्टिंग की गुजारिश कर सकते हैं. हालांकि नियम के मुताबिक सुनवाई याचिका दाखिल करने के कम से कम 48 घंटे बाद ही मुमकिन है. ऐसे में हाई कोर्ट में मामले की पहली सुनवाई सोमवार को हो सकती है.
सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट एनसीबी से इस मामले में अपना जवाब फाइल करने के लिए कह सकता है. एनसीबी अपना जवाब दाखिल करने के लिए 1-2 दिन की मांग कर सकती है. ये हवाला देते हुए कि इस केस में कुछ नई जानकारी सामने आई है, इसलिए वक्त चाहिए. सूत्रों के मुताबिक एनसीबी बॉम्बे हाई कोर्ट में भी जमानत याचिका का विरोध करेगी. एनसीबी के जवाब फाइल करने के बाद दोनों पक्षों के वकील नए सिरे से अपनी दलील हाई कोर्ट के सामने पेश कर सकते हैं.
दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद हाई कोर्ट या तुरंत अपना फैसला सुना सकता है या अपना फैसला अगली तारीख के लिए सुरक्षित रख सकता है. अगली तारीख पर अगर फैसला आर्यन (Aryan Khan) के पक्ष में आता है तो बेल मंज़ूर होने के बाद कुछ कागज़ी कार्रवाई पूरी कर आर्यन जेल से रिहा हो सकता है. इस पूरी प्रक्रिया में तकरीबन 1 सप्ताह या उससे ज्यादा का समय भी लग सकता है. यानी जब तक बॉम्बे हाईकोर्ट में ये कार्यवाही पूरी नहीं हो जाती, तब तक आर्यन खान, अरबाज मर्चेंट, मुनमुन धमेचा को जेल में ही रहना होगा.
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इन सबके बीच गुरुवार को आर्यन खान की न्यायिक हिरासत की मियाद भी खत्म हो रही है. इसलिए न्यायिक हिरासत को बढ़ाने के लिए आर्यन को कल यानी गुरुवार को दोबारा किला कोर्ट में पेश किया जाएगा जहां अदालत उसकी न्यायिक हिरासत 14 दिन के लिए बढ़ा सकती है. इस दौरान एनसीबी आर्यन (Aryan Khan) से पूछताछ की इजाजत मांग सकती है. जिसके बाद अदालत एनसीबी को आर्यन से जेल के भीतर ही पूछताछ के लिए समय सीमा तय कर मंजूरी दे सकती है. यानी कुल मिलाकर जमानत अर्जी के फैसले से आर्यन खान की मुश्किलें खत्म होने के बजाय बढ़ गई हैं.
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